अडवांस टैक्स भरने की लास्ट डेट आज…

अगर आपने अभी तक अपना अडवांस टैक्स नहीं भरा है तो इस काम को जल्दी निबटा दीजिए। अडवांस टैक्स भरने की अंतिम तारीख यानी 15 मार्च होती है। लेकिन 15 सितंबर तक अडवांस टैक्स का कुछ हिस्सा भरना जरूरी होता है। किसी शख्स को 15 सितंबर तक कम-से-कम 30 फीसदी अडवांस टैक्स जमा करवाना होता है जबकि कंपनियों के लिए यह 50 पर्सेंट है।

क्या होता है अडवांस टैक्स?
अगर किसी फाइनैंशल ईयर में आपकी टैक्स की देनदारी दस हजार रुपये से ज्यादा बन रही है तो आपको अपना इनकम टैक्स उसी साल भरना होता है, जिस साल आपको आमदनी हुई। इसे ही अडवांस टैक्स कहते हैं। इंडिविजुअल और कॉर्पोरेट्स दोनों को ही यह टैक्स पे करना होता है। यह टैक्स किसी शख्स की उस इनकम पर कैलकुलेट होगा, जो संबंधित असेसमेंट ईयर में टैक्सेबल है।

किसे देना है?
अगर आपकी आमदनी का साधन सिर्फ सैलरी है तो आपको अडवांस टैक्स को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है। आपकी कंपनी या विभाग के माध्यम से आपका टीडीएस काटा जा रहा होगा, लेकिन अगर सैलरी के अलावा आपकी आमदनी के और भी सोर्स हैं मसलन ब्याज से होने वाली आमदनी, कैपिटल गेंस या हाउस प्रॉपर्टी से होने वाली इनकम। तो आपको अडवांस टैक्स जमा कराना चाहिए। इसके अलावा बिजनसमैन, प्रफेशनल्स, कंपनियों आदि को भी अडवांस टैक्स जमा कराना चाहिए।

तारीखें क्या हैं…
किसी शख्स के लिए अडवांस टैक्स जमा कराने की तीन तारीखें निर्धारित हैं। उसे 15 सितंबर तक कम-से-कम 30 फीसदी, 15 दिसंबर तक कम-से-कम 30 फीसदी और 15 मार्च तक सौ फीसदी अडवांस टैक्स जमा करा देना चाहिए। कंपनियों के लिए चार तारीखें निर्धारित हैं। कंपनियों को 15 जून तक 25 फीसदी, 15 सितंबर तक 50 फीसदी, 15 दिसंबर तक 75 फीसदी और 15 मार्च तक सौ फीसदी अडवांस टैक्स पे कर देना चाहिए। चार्टर्ड अकाउंटेंट विपुल वर्णवाल के मुताबिक, अगर किसी ने ड्यू डेट पर अपना अडवांस टैक्स जमा नहीं किया है तो टैक्स अमाउंट के साथ-साथ उसे 1 फीसदी प्रति महीने के हिसाब से ब्याज भी जमा कराना होगा। यानी अगर आप पिछली तारीखों पर अडवांस टैक्स जमा कराना भूल गए हैं तो 15 मार्च तक अपना पूरा टैक्स ब्याज सहित जमा करा सकते हैं।

फायदे-नुकसान
अडवांस टैक्स पे करने से टैक्स जमा करने की जिम्मेदारी से वक्त रहते मुक्ति मिल जाती है और पेनल्टी लगने का खतरा खत्म हो जाता है। लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं। अगर किसी कंपनी को रिफंड लेना है तो उसे पैसा ब्लॉक होने का नुकसान उठाना पड़ता है। अगर अडवांस टैक्स पे न किया जाए तो असेसिंग अफसर फाइनैंशल ईयर के दौरान किसी भी वक्त नोटिस जारी कर सकता है और पेनल्टी भी लगा सकता है।

 

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