नई दिल्ली : प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर सरकार के फैसलों को लेकर मचे घमासन के मद्देनजर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शुक्रवार को इस मुद्दे पर राष्ट्र को संबोधित कर सकते हैं। प्रधानमंत्री अपने संबोधन में इन फैसलों की वजह और इससे होने वाले फायदों के बारे में राष्ट्र को बताएंगे। सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह लिखित संदेश या टेलीविजन के जरिये राष्ट्र को संबोधन के माध्यम से आ सकता है। वहीं संदेश को कई भाषाओं में प्रकाशित करने का भी अनुमान है।
इसमें उनका राष्ट्र को संदेश देने का मकसद यह है कि सरकार ने मल्टीब्रांड रिटेल सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को क्यों अनुमति दी है। वह अर्थव्यवस्था के समक्ष आ रहे संकट के बारे में भी बताएंगे और साथ ही इस बात पर भी जोर देंगे कि यह कदम आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन देने और रोजगार सृजन के लिए जरूरी है।
गौरतलब है कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से किसानों को उनकी फसलों को सही दाम मिलेगा और किसानों की बिचौलिओं द्वारा की जाने वाली माली हालत में भी सुधार आएगा।
सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री के संबोधन का जोर इस बात पर रहेगा कि ये फैसले राष्ट्रहित में लिए गए हैं। मंत्रिमंडल की 14 सितंबर की बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने कहा था कि आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने तथा भारत को विदेशी निवेश के लिए आकर्षक बाजार बनाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। मल्टीब्रांड रिटेल सेक्टर में एफडीआई के विरोध में तृणमूल कांग्रेस ने सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा की है। यूपीए को बाहर से समर्थन दे रहे दलों सपा और जनता दल-एस ने भी इस फैसले का विरोध किया है।
किसानों को मिलेंगे फसलों के सही दाम
देश में महंगाई का असर सबसे ज्यादा किसी के ऊपर पड़ता है तो वह है आम किसान, उनकी हालत किसी से छुपी नहीं है। वे बिचौलियों के जाल में इस तरह जकड़ चुके हैं कि उन्हें अपने उत्पादन का वाजिब दाम नहीं मिल पाता। खेती में निरंतर हो रहे घाटे के चलते आज किसान आत्महत्या का रास्ता अपना रहा है। अगर रिटेल में एफडीआई आने से बिचौलियों की कोई भूमिका नहीं रहेगी और किसानों को इसका सीधा फायदा होगा।
उपभोक्ताओं को मिलेगा सस्ता सामान
मल्टीब्रांड रिटेल सेक्टर में एफडीआई के आने से उपभोक्ताओं को सीधे फायदा होगा। तमाम वस्तुओं के दाम किसानों और उपभोक्ताओं के बीच बिचौलियों के होने से कई गुना बढ़ जाते थे, किंतु एफडीआई के आने से यह व्यव्स्था पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी जिससे वस्तुओं के दाम में काफी गिरावट आएगी।
रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे: सरकार का मानना है कि खुदरा क्षेत्र में एफडीआई की मंजूरी से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा।
बिचौलिए नहीं आएंगे नजर
बिचौलिए के होने से आज किसान और उपभोक्ता एक ही तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं, जहां बिचौलिए के चलते उत्पादन करने वाले किसान को अपनी वस्तुओं का वाजिब दाम नहीं मिल पाता वहीं ग्राहकों को भी किसी वस्तु को खरीदने के लिए अधिक दाम चुकाने पड़ते है, एफडीआई के आने से बिचौलिए गायब हो जाएंगे, जिससे किसानों को पहले से कहीं अधिक दाम मिलेगा और ग्राहकों को भी पहले की तुलना में काफी सस्ती चीजें मिल जाएंगी।