नौ के बाद ‘नो सिम’

बीएसएनएल हो या रिलायंस या फिर अन्य कोई कंपनी। अब कंपनियां किसी भी उपभोक्ता को नौ से ज्यादा मोबाइल सिम नहीं दे सकेंगी। उपभोक्ता को नया सिम लेने के लिए पुराने सभी मोबाइल नंबर का डिटेल फॉर्म पर भरना होगा। अगर उपभोक्ता इस डिटेल को फर्जी या फिर गलत भरता है तो न सिर्फ उनका सिम ब्लॉक हो जाएगा, बल्कि उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा। इसके लिए भारतीय दूरसंचार नियामक आयोग [टीआरएआइ] ने सभी मोबाइल कंपनियों को आदेश जारी किया है।

अभी तक मोबाइल उपभोक्ता जितने चाहे उतने सिम ले सकते थे। सिम लेने में कई बार फर्जी आइडी व एड्रेस प्रूफ लगा देते थे। उपभोक्ताओं के दस्तावेजों की जांच में महज औपचारिकता की जाती थी। इसके बाद सिम चालू हो जाता था। कुछ मोबाइल उपभोक्ता दुकानदारों को दस्तावेज तक नहीं देते थे, इसके बावजूद दुकानदार नए सिम की फर्जी जानकारी फ्रेंचाइजी के माध्यम से संबंधित मोबाइल कंपनी के ऑफिस में भेज देते थे। लेकिन ट्राई ने नौ नवंबर को नया आदेश जारी किया है। नए आदेश के तहत नए सिम लेने की प्रक्रिया कठिन कर दी गई है।

अब सभी उपभोक्ताओं को कस्टमर एक्विजिशन फॉर्म [सीएएफ] भरना होगा, फिर इसकी जांच दुकानदार व संबंधित मोबाइल कंपनी करेगी। इसके बाद ही सिम इश्यू होगा। बीएसएनएल के जनसंपर्क अधिकारी कुंदन सिंह ने बताया कि व्यवस्था लागू कर दी गई है। उपभोक्ता को सिर्फ नौ सिम ही दिए जाएंगे। गलत सूचना या फिर फर्जी दस्तावेज लगाने पर उपभोक्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

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