किंगफिशर की फंडिंग पर सवाल बरकरार

विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस ने पुनरुद्धार के लिए जो योजना विमानन महानिदेशालय [डीजीसीए] को सौंपी है उससे सरकार संतुष्ट नहीं है। नागरिक विमानन मंत्री अजित सिंह ने कहा है कि प्रस्ताव में कंपनी ने इस बात का स्पष्ट ब्योरा नहीं दिया है कि परिचालन शुरू करने के लिए वह धन की कैसे और क्या व्यवस्था होगी।

अजित ने कहा कि माल्या कंपनी को चलाना तो चाहते हैं लेकिन उनके समूह [यूबी] ने ऐसा कुछ नहीं कहा है कि वह एयरलाइंस को कोई राहत देगा। इसके लिए स्पष्ट योजना होनी चाहिए। डीजीसीए भी जल्दी ही फंडिंग के संबंध में कंपनी से अतिरिक्त जानकारी मांगेगा। किंगफिशर ने दो दिन पहले ही पुनरुद्धार योजना डीजीसीए को सौंपी थी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विमानन मंत्री ने कहा कि स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है। यूबी समूह ने यह नहीं कहा है कि वह किंगफिशर के लिए फंडिंग की कोई व्यवस्था करेगा। डीजीसीए के अधिकारियों का भी कहना है कि वह किंगफिशर के सेवाएं दोबारा शुरू करने के आवेदन पर विचार से पहले कंपनी के कर्जदाताओं और हवाई अड्डा संचालकों के साथ बातचीत करेंगे। कंपनी पर इसके कर्मचारियों, बैंकों, हवाई अड्डों और राजस्व विभाग का हजारों करोड़ रुपये बकाया है। इन सभी को कंपनी को आश्वस्त करना होगा कि उसकी पुनरुद्धार योजना व्यवहार्य है।

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