वैट ज्यादा होने से यूपी में सिगरेट की तस्करी

यूपी में सिगरेट पर वैट पचास फीसदी किए जाने से सिगरेट की तस्करी बढ़ रही है। मध्य प्रदेश, झारखंड और दूसरे राज्यों में कम वैट पर मिलने वाली सिगरेट यहां लाकर बेची जा रही है। यही नहीं सिगरेट केदाम बढ़ने से नकली सिगरेट भी बाजार में खुलेआम तस्करी से लाकर बेची जा रही है। इसका असर यूपी के सिगरेट कारोबारियों के साथ उपभोक्ताओं पर भी पड़ रहा है।

औद्योगिक संगठन फिक्की द्वारा नकली कारोबार और स्मगलिंग की रोकथाम पर आयोजित कार्यशाला में यह समस्या उभर कर सामने आयी। कार्यशाला में बताया गया कि नकली सामानों का कारोबार दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ते उद्योग के रूप में सामने आ रहा है। यह दुनिया भर में होने वाले कारोबार का दस फीसदी है।

अमेरिका के फेडरल ब्यूरो आफ इंवेस्टीगेशन (एफबीआई) ने पाया है कि 21वीं सदी के अपराध के रूप में परिभाषित नकली और स्मगलिंग सामानों का कारोबार करीब छह अरब पर पहुंच गया है। वर्ष 2015 तक इसके दोगुने से ज्यादा होने की संभावना है। इसके बाद ही औद्योगिक संगठन फिक्की ने एक कमेटी अगेंस्ट स्मगलिंग एंड काउंटरफीट एक्टिविटीज ड्रस्ट्राटिंग द इकोनामी (कास्केड) का गठन किया है।

दुर्घटना में 25 हजार मौतें नकली आटो पुर्जों से
फिक्की कैसकेड के सलाहकार पीसी झा ने बताया कि देश में नकली आटो पुर्जों की वजह से बीस फीसदी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। वर्ष 2009 में उनके उपयोग की वजह से करीब 25400 मौतें हुई हैं और 93000 से ज्यादा चोटें लगी हैं।

अनुमानों के अनुसार नकली पुर्जों के कारण उपभोक्ता हर साल ज्यादा डीजल और पेट्रोल के खर्च का भुगतान कर रहा है। उन्होंने बताया कि दवाओं के कारोबार में 15-20 फीसदी नकली दवाएं हैं, घरेलू उत्पादों में आठ से दस फीसदी, आईटी में 80 फीसदी, आटो सेक्टर में 97 फीसदी, साफ्टड्रिंट में दस फीसदी, कास्मेटिक्स में 10-30 फीसदी उत्पाद नकली है।

नकली नोटों में यूपी अव्वल
कस्टम कमिश्नर अजय दीक्षित ने बताया कि नकली नोटों की तस्करी नेपाल और बांग्लादेश की सीमाओं से लगातार बढ़ रही है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों केमुताबिक देश में दस लाख में आठ नोट नकली आ रहे हैं तो यूपी में इनकी तादाद 20-25 नोटों की है। अब तक देश भर से पिछले साल 25 करोड़ नकली नोट रिजर्व बैंक में जमा कराए गए हैं।

उन्होंने कहा कि कंपनियां भी उन्हें जानकारी दें कि कहां उनकेनकली उत्पाद बनाए जा रहे हैं, या उसकी संभावना है। इस अवसर पर अमेरिकी दूतावास की इंटेलैक्चुअल प्रापर्टी विभाग की प्रथम सचिव कल्पना रेड्डी ने अमेरिका में नकली सामानों के कारोबार और स्मलिंग के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी।

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