नई दिल्ली। कॉरपोरेट क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे घोटालों और टैक्स चोरी के मामलों के बीच इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स (आइआइसीए) कंपनियों के स्वतंत्र निदेशकों के लिए एक ओरिएंटेशन कोर्स तैयार कर रहा है। इस कोर्स के तहत निदेशकों को कंपनियों के निर्णयों में उनकी भूमिका के प्रति संवेदनशील बनाने पर जोर दिया जाएगा।
निदेशकों के लिए कोर्स शुरू करने की यह कवायद ऐसे समय में की जा रही है जब नया कंपनी विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है। इसे अभी राज्यसभा की मंजूरी मिलनी बाकी है। आइआइसीए के इस पाठ्यक्रम में निदेशकों उनके कर्तव्यों के प्रति जिम्मेदार बनाने का प्रयास किया जाएगा। आइआइसीए के डायरेक्टर जनरल और सीईओ भास्कर चटर्जी ने कहा कि भारत में कॉरपोरेट गवर्नेस जिस दिशा में बढ़ रही है उसमें स्वतंत्र निदेशकों की भूमिका बेहद अहम है। आने वाले समय में स्वतंत्र निदेशकों के कामकाज में भी बदलाव होगा। इसी को ध्यान में रखते हुए आइआइसीए स्वतंत्र निदेशकों के ओरिएंटेशन प्रोग्राम के लिए पाठ्यक्रम विकसित कर रहा है।
आइआइसीए कंपनी मामलों के मंत्रालय के तहत काम करने वाला संगठन है। उद्योग संगठन एसोचैम द्वारा आयोजित एक समारोह के दौरान चटर्जी ने कहा कि स्वतंत्र निदेशकों को केवल ओरिएंटेशन की जरूरत है, ट्रेनिंग की नहीं। बदले हुए माहौल में निदेशकों की भूमिका क्या है? उनके प्रदर्शन को लेकर क्या उम्मीदें हैं और बोर्ड मीटिंग्स में उन्हें क्या रुख लेना चाहिए? इन सब बातों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
चटर्जी ने कहा कि पाठ्यक्रम के विकास का काम अभी चल रहा है। हम इसमें छोटी, मध्यम और बड़ी सभी तरह की कंपनियों को इससे जोड़ना चाहते हैं।