मुंबई। रिजर्व बैंक के गवर्नर डी. सुब्बाराव ने कहा है कि बैंकिंग तंत्र में नगदी बढ़ाने के लिए सभी विकल्पों का इस्तेमाल किया जाएगा। इनमें सीआरआर (नगद आरक्षित अनुपात) में कटौती और खुले बाजार (ओएमओ) का विकल्प भी शामिल है।
सुब्बाराव ने कहा कि ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि ओएमओ हमारा पहला रास्ता होगा। मगर हम किसी एक विकल्प के भरोसे नहीं रह सकते। उन्होंने यहां एक सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले महीनों में सरकार खर्च करना शुरू करेगी। इससे बैंकिंग तंत्र में नगदी किल्लत होगी। हमारा पहला मकसद है कि नगद उपलब्धता एक फीसद ज्यादा बनी रहे।
शुक्रवार को ही आरबीआइ ने खुले बाजार में 10 हजार करोड़ रुपये ओएमओ के जरिये उपलब्ध कराए हैं। उन्होंने कहा कि जमा और उधारी में वृद्धि में अंतर होने के बावजूद नगदी उपलब्धता को और बढ़ाया जा सकता है। सरकारी नकदी के बैंकों को नीलामी के प्रस्ताव पर सुब्बाराव ने कहा कि इस मामले पर केंद्र सरकार से विचार-विमर्श किया जा रहा है। हालांकि, इससे बाजार में नगदी उपलब्धता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।