नई दिल्ली। अडानी पावर का घाटा वित्त वर्ष 2012-13 आखिरी तिमाही में और बढ़ गया है। जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान कंपनी का शुद्ध घाटा 586 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। कंपनी ने बताया कि आयातित कोयले की महंगी कीमतों की वजह से कंपनी का नुकसान बढ़ता ही जा रहा है। पिछले पूरे वित्त में अडानी को 2,295 करोड़ रुपये का भारी-भरकम नुकसान हुआ है। वित्त वर्ष 2011-12 में कंपनी का शुद्ध घाटा केवल 294 करोड़ रुपये था।
कंपनी ने एक वक्तव्य जारी कर बताया कि मार्च में समाप्त हुई तिमाही में कंपनी का शुद्ध घाटा 586 करोड़ रहा, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के 292 करोड़ रुपये से लगभग दोगुना ज्यादा है। इस अवधि में कंपनी का राजस्व 79 फीसद बढ़कर 1,889 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। जो कि जनवरी-मार्च, 2012 में 1,055 करोड़ रुपये था। राजस्व वृद्धि पर कोयले की ऊंची कीमत और ट्रांसमिशन में कमी भारी पड़ गई। कुल आय भी पिछले वित्त वर्ष में 66 फीसद बढ़कर 6,779 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 4,092 करोड़ रुपये रही थी। एकल आधार पर कंपनी का पूरे वित्त वर्ष में शुद्ध घाटा 1,952 करोड़ रुपये रहा।
कंपनी के सीएफओ प्रबल बनर्जी ने बताया कि सीमित संसाधन और कुछ परेशानियों से पिछले साल हमारा मुनाफा अपेक्षित नहीं रहा। हालांकि, आपूर्ति समझौते पर हस्ताक्षर, घरेलू कोयले की समय से आपूर्ति और पूर्ण परिचालन क्षमता के दम पर कंपनी चालू वित्त वर्ष में बेहतर प्रदर्शन करेगी।
घटा बीएसएनएल का घाटा
सार्वजनिक क्षेत्र की टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल का घाटा वित्त वर्ष 2012-13 में 8,198 करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है। कंपनी को इससे पिछले वित्त वर्ष 2011-12 में 8,851 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी ऑडिट पूरा नहीं हुआ है। हालांकि, अभी जो आंकड़े हैं उस हिसाब से बीएसएनएल का घाटा 8,198 करोड़ तक आ गया है। ऑडिट पूरा हो जाने के बाद आंकड़े जारी किए जाएंगे। इस घाटे में अभी वह 2,700 करोड़ रुपये नहीं जोड़े गए हैं, जो कंपनी को ग्रामीण इलाकों में लैंडलाइन परिचालन में मदद देने के लिए सरकार की तरफ से मिले हैं। कंपनी 2009-10 से ही नुकसान में है।
एसबीबीजे का मुनाफा घटा
फंसे हुए कर्जो में इजाफा होने के चलते सार्वजनिक क्षेत्र के स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर (एसबीबीजे) का मुनाफा जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान 28 फीसद घटकर 178 करोड़ रुपये पर आ गया। एक साल पहले इसी तिमाही में बैंक को 247 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। एसबीबीजे के एमडी बी. श्रीराम ने बताया कि चौथी तिमाही में शुद्ध ब्याज आय 10.34 फीसद घटकर 557.25 करोड़ रुपये रह गई। यह एक वर्ष पूर्व इसी तिमाही में 557.25 करोड़ रुपये थी। हालांकि, कुल आय इस अवधि में बढ़कर 2,127.67 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। पिछले वित्त वर्ष के दौरान बैंक का शुद्ध लाभ 12 फीसद ऊपर जाकर 730.24 करोड़ रुपये हो गया है।
जेपी एसोसिएट्स का लाभ घटा
निर्माण और सीमेंट क्षेत्र की कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स का एकल शुद्ध लाभ मार्च में खत्म हुई तिमाही के दौरान 56.48 फीसद घटकर 123.50 करोड़ रुपये पर आ गया है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी का एकल शुद्ध लाभ 283.81 करोड़ रुपये रहा था। जनवरी-मार्च के दौरान कुल बिक्री चार फीसद घटकर 3,864.19 करोड़ रुपये पर आ गई। बीएसई को दी जानकारी में कंपनी ने बताया कि कंपनी का कुल खर्च बिक्री का 83 फीसद रहा। एकीकृत आधार पर जेपी का मार्च में समाप्त हुए वित्त वर्ष में शुद्ध लाभ 18 फीसद कम होकर 777.19 करोड़ रुपये रहा। इससे पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का शुद्ध लाभ 947.08 करोड़ रुपये रहा था।
इमामी को मुनाफा
एफएमसीजी उत्पाद निर्माता कंपनी इमामी का एकीकृत आधार पर मुनाफा वित्त वर्ष 2012-13 की चौथी तिमाही में 29.87 फीसद बढ़कर 93.99 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। यह पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 72.37 फीसद था। कंपनी के सीईओ नरेश एच. भंसाली ने बताया कि सभी वर्गो में वृद्धि देखी गई। घरेलू बाजार में कंपनी के उत्पादों की जबरदस्त बिक्री रही। कुल बिक्री भी 398.44 करोड़ बढ़कर 450.95 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। पिछले पूरे वित्त वर्ष के दौरान कंपनी का मुनाफा 314.74 करोड़ रुपये रहा।