भेदिया कारोबार का सफाया करे सेबी: प्रधानमंत्री

pmमुंबई। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड [सेबी] को और ज्यादा अधिकार देने के संकेत देते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पूंजी बाजार नियामक से भेदिया कारोबार का सफाया करने को कहा है। साथ ही आम निवेशकों को शेयरों में निवेश के लिए प्रोत्साहन के ज्यादा कदम उठाने को कहा है। प्रधानमंत्री शुक्रवार को सेबी के गठन की 25वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि निवेश को बढ़ावा देने के लिए नियामक को पारदर्शिता बढ़ाने के कदम उठाने चाहिए। इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। सेबी को और ज्यादा अधिकार देने के लिए सरकार हर जरूरी कदम उठा रही है। नियामक को खुद को भी अपग्रेड और सुधार लाने की जरूरत है। खासकर भेदिया कारोबार जैसी बीमारी को पूरी तरह से शेयर बाजार से खत्म करने के लिए सख्त नियमन की आवश्यकता है। इससे न सिर्फ ज्यादा से ज्यादा निवेशक बाजार की ओर आकर्षित होंगे बल्कि घरेलू बचत को भी उत्पादक निवेश में तब्दील किया जा सकेगा। आम निवेशकों को और प्रोत्साहन देना जरूरी है ताकि वे घरेलू बचत को शेयर, बीमा, बैंकिंग और पेंशन उत्पादों में निवेश कर सकें। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने में सेबी अहम भूमिका निभा सकता है। खासकर इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के उपायों से विकास को तेजी मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सेबी विदेशी निवेशकों सहित सॉवरिन वेल्थ फंड, यूनिवर्सिटी फंड और पेंशन फंड के लिए निवेश के नियम आसान बनाने पर काम कर रहा है। देश के आर्थिक माहौल को देखते हुए इन सभी क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने नियामक से अपील की कि वह जल्द से जल्द इस बारे में कदम उठाए। मझोली और छोटी कंपनियों को शेयर बाजार की ओर मोड़ने के सेबी के कदम की सराहना करते हुए उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में इस बारे में और कदम उठाए जाएंगे। ये क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था के सतत विकास के लिए अहम हैं। उन्होंने कॉरपोरेट डेट मार्केट के और विस्तार की भी जरूरत बताई। प्रधानमंत्री ने कहा कि राजस्व घाटे को काबू में लाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इससे इस बाजार को विस्तार में मदद मिलेगी।

घरेलू निवेश के मौके का फायदा उठाए इंडिया इंक

वित्त मंत्री पी चिदबंरम ने इंडिया इंक को घरेलू निवेश के मौके का फायदा उठाने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में निवेश के बेहतरीन मौके हैं। विदेश की ओर रुख करने की बजाय उन्हें इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ाना चाहिए।

सेबी के समारोह में उन्होंने कहा कि बहुत सारे उद्योगपति यह सोचते हैं कि विदेश में निवेश करने में देश में निवेश करने की तुलना में कम जोखिम है। छोटी अवधि के लिए तो यह विचार सही हो सकता है मगर लंबी अवधि की सोचें तो यहां निवेश उनके लिए विदेश के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद है। अगले 20-30 में न सिर्फ यहां मांग और बढ़ेगी बल्कि यहां का बाजार और विस्तार करेगा। साथ ही दुनियाभर के निवेशक यहां निवेश बढ़ाएंगे। ऐसे में घरेलू कंपनियां देश में पहले ही निवेश बढ़ाकर शुरुआती बढ़त ले सकती हैं। चिदंबरम ने कहा कि प्रत्यक्ष कर संहिता [डीटीसी] विधेयक को मानसून सत्र में संसद में पेश किया जाएगा। यह पचास साल पुराने इनकम टैक्स कानून की जगह लेगा।

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