जहां क्रोध और द्वेष होता है वहां भगवान का प्राकट्य नही होता
मदनगंज-किशनगढ। व्यक्ति का हृदय जब निर्मल होता है उस निर्मल हृदय में ही प्र्रभु का वास होता है। अखिल भारतीय श्रीनिबार्काचार्य पीठ के युवाचार्य श्यामशरण देव ने ये शब्द श्री राधा सर्वेश्वर संकीर्तन मंडल के रजत जयन्ती महोत्सव पर ध्रुव चरित की व्याया करते हुये कहे की भगवान का नाम संकीर्तन करना बहुत ही सरल … Read more