जारी है कारसेवक पत्रकारिता
अस्सी के दशक के उत्तरार्द्ध से बाबरी मस्जिद विध्वँस के वक्त तक हिंदी पट्टी खासकर उत्तर प्रदेश में पत्रकारिता का एक नया रूप सामने आया जिसने पत्रकारीय मूल्यों को न केवल तहस-नहस किया बल्कि खबर और अफवाह और प्रोपेगण्डा के बीच का अंतर ही मिटा दिया। उस वक्त भारतीय प्रेस परिषद् को भी कुछ अखबारों … Read more