अमृत की राह में बड़ा रोड़ा है भ्रष्टाचार

नरेन्द्र मोदी शासन के जिम्मेदारी भरे बजट-2023 ने समावेशी आर्थिक समृद्धि और वैश्विक महत्वाकांक्षा के साथ उस ‘नए भारत’ की नींव रखी है, जो अपनी स्वाधीनता के सौवें वर्ष में साकार होगा। यह बजट ‘अमृत काल’ को सबसे अच्छे ढंग से रेखांकित करता है। निश्चित ही सरकार की नजर अमृतकाल पर है। उसी दृष्टि से … Read more

सामाजिक ताने- बाने को कमजोर करती जातिगत कट्टरता

राजनीतिक लाभ के लिए जातिगत ध्रुवीकरण के अलावा उपरोक्त मांग के पीछे कुछ कारक सक्रिय नजर आते हैं। इस परिदृश्य में, यह कहना गलत नहीं होगा कि सामाजिक आर्थिक समानता लाने के उद्देश्य से की गई सकारात्मक कार्रवाई सत्ता हथियाने के एक उपकरण के रूप में अधिक हो गई है। जाति ने लोकतांत्रिक राजनीति के … Read more

यूपी में उभर रही है त्रिकोणीय मुकाबले की तस्वीर

सपा-बसपा के आमने-सामने आने से भाजपा झूमी संजय सक्सेना,लखनऊ / अगले वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश की सियासत काफी तेजी से ‘रंग’ बदल रही है। कुछ पुराने मुद्दों और विवादित बयानों को नई ‘धार’ दी जा रही है तो आरक्षण, जातिगत जनगणना, रामचरित मानस विवाद वोट बटोरने के नये … Read more

देश में अमृतकाल, बजट से मालामाल या बुरे होंगे हाल

अगले वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यह मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट है. केंद्रीय बजट से आम आदमी से लेकर उद्योग जगत को भी कई उम्मीदें हैं, कोरोना महामारी के बाद भारत की घरेलू अर्थव्यवस्था की हालत दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले बेहतर है, फिलहाल भारतीय अर्थव्यवस्था जी 20 … Read more

एक दिन के आर्थिक विशेषज्ञ

*ओम माथुर* मेरा दावा है कि संसद और विधानसभाओं में बैठकर केंद्रीय और राज्य काक्षबजट सुनने वाले आधे से ज्यादा सांसदों,विधायकों एवं बजट आने के बाद इस पर प्रतिक्रिया पेलने वाले अधिकांश नेता बजट के बारे में कुछ नहीं समझते। लेकिन टीवी कैमरों के सामने सभी आर्थिक विशेषज्ञ बन जाते हैं। प्रतिक्रिया देना आसान भी … Read more

रटे रटाये फर्जी जुमले

सत्तापक्ष के लिए सदैव अच्छा और विपक्ष की नज़र में सदैव बुरा *बजट* अखबारों में छापनी बन्द कर देनी चाहिए प्रतिक्रिया *-अमित टंडन-* मेरा मानना यह है कि अब अखबारों को बजट से अगले दिन छापने वाले बजट प्रतिक्रया वाले पेज को बंद कर देना चाहिए। अर्थात बजट प्रतिक्रिया नहीं छापी जानी चाहिए। औचित्य क्या … Read more

माइंड रीडर्स किस विधा का उपयोग कर रहे हैं?

जैसे ही बागेष्वर धाम सरकार और पंडोखर धाम सरकार चर्चा में आए तो दावे प्रतिदावे के बीच माइंड रीडर्स व जादूगर भी विमर्ष में षामिल हो गए। वे बाकायदा इलैक्टॉनिक मीडिया के सामने अपनी कला का प्रदर्षन कर रहे हैं। वे स्वयं कह रहे हैं कि वे कोई चमत्कार नहीं कर रहे, बल्कि वे अपनी … Read more

बाबाओं का झूठा बल, अंधविश्वास का दलदल

हमारा देश वैज्ञानिक दृष्टि से कितना पिछड़ा हुआ है, यह सब रोज-रोज के ऐसे कारनामे देखकर हम समझ सकते हैं, हमारे भारत की महिलाओं में कभी माताएं आती रहती है तो पुरुषों में कभी अमुक आते रहते हैं, आखिर यह अंधविश्वास और पाखंडवाद हमारे देश को किस दलदल में ले जाकर धकेलेगा। हम इसका अंदाजा … Read more

अजमेर में तेलंगाना हाउस व हॉस्टल बनाने की मंजूरी भाजपा शासनकाल में दी गई थी

-अजमेर विकास प्राधिकरण ने जब जमीन आवंटन का डिमांड नोट जारी किया था और राशि जमा कराई गई थी तब भाजपा का ही बोर्ड था -भाजपा राज में बोए गए कांटों की फसल को अब कांग्रेस सरकार सींच रही है -अजमेर विकास प्राधिकरण ने बोर्ड मीटिंग में नक्शा पास कर दिया -नतीजतन अजमेर की जनता … Read more

ग्रामीण चौपालों को लील गई राजनीति

गांव मैं अब न तो पहले जैसे त्योहारों की रौनक है और न ही शादी के वक्त महिलाओं द्वारा गाए जाने गीत। यहां तक की मौत पर हर घर में छा जाने वाला शोक का स्वरूप बदल गया है। पहले गांव में किसी जवान की मौत हो जाने पर उसके अंतिम संस्कार से पूर्व किसी … Read more

क्या भाजपा राजस्थान में गुजरात मॉडल लागू कर पाएगी?

इसी साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं। गुजरात के हाल ही संपन्न विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली प्रचंड जीत के बाद राजनीतिक विष्लेशक कयास लगा रहे हैं कि राजस्थान में भी टिकट वितरण में गुजरात मॉडल लागू किया जाएगा। उनका अनुमान है कि तकरीबन चालीस विधायकों के टिकट काट दिए जाएंगे। किन्हीं अर्थों … Read more

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