क्या विपक्षी दल भाजपा को मात देने में सफल होंगे?

नया वर्ष शुरु होते ही राजनीतिक दलों की सरगर्मियां भी नए मोड़ पर आने लगी हैं। क्योंकि इस वर्ष 9 राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना, त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने हैं एवं अगले वर्ष लोकसभा के चुनाव। खास तौर से अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों को … Read more

राजनीतिक लाभ के लिए सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग

स्वतंत्र, कानून का पालन करने वाले संस्थान आवश्यक जांच और संतुलन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे मजबूत और लचीले लोकतंत्रों के लिए अंतिम आधार प्रदान करते हैं। हाल ही में, भारत में समाज के कमजोर वर्गों द्वारा विरोध की कई घटनाएं हुई हैं। इसके अलावा, असहमति के दमन की प्रकृति कानून प्रवर्तन … Read more

अगर जनता को राहत न मिले तो फिर जन सुनवाईयों का तमाशा क्यों ?

यह बात किसी से ढकी छिपी नहीं हैं कि जिन समुदायों के लोग अपना वोट देकर राज बनाने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं,बाद में उनकी कोई भागीदारी नहीं रहती है.मान्यवर काशीराम ने एक नारा दिया था- “वोट हमारा राज तुम्हारा- नहीं चलेगा, नहीं चलेगा”.वे बिल्कुल सही थे.सवाल है कि जिन्होंने राज बनाया वे कहाँ है … Read more

भ्रष्टाचारियों से हमदर्दी क्यों?

*ओम माथुर* भ्रष्टाचारी अफसरों और कर्मचारियों के लिए नए साल का इससे बेहतर तोहफा कोई नहीं हो सकता था।अब वो माल भी कमाएंगे और इज्जत भी नहीं गवाएंगे। एसीबी के कार्यवाहक डीजी हेमंत प्रियदर्शीद का आदेश ऐसे भ्रष्टाचारियों को बहुत प्रिय लगेगा। अब किसी रिश्वतखोर को पकड़ने के बाद भी उसका नाम मीडिया में सार्वजनिक … Read more

जैन तीर्थ के अस्तित्व एवं अस्मिता से खिलवाड़ क्यों?

जैन समाज के सर्वोच्च तीर्थ सम्मेद शिखर को लेकर देशभर में गुस्सा और आक्रोश का उबरना झारखंड सरकार की दूषित नीति को दर्शा रहा है। गिरिडीह जिले में स्थित पारसनाथ पहाड़ी को पर्यटन केन्द्र घोषित किया जाना, जैन समाज की आस्था एवं भक्ति से खिलवाड़ है, उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करना है। इसके खिलाफ … Read more

*आखिर कब तक छले जाते रहेंगे युवा*

-उच्च शिक्षित चपरासी, कम पढ़े-लिखे कुर्सी पर ✍️प्रेम आनन्दकर, अजमेर। *👉”रामचंद्र कह गए सिया से, ऐसा कलयुग आएगा, हंस चुगेगा दाना, कौआ मोती खाएगा।”* यही हो रहा है। बारहवीं पास बाबू बन जाते हैं और ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट, एम.फिल., पीएचडी या तो चपरासी बने हुए हैं या प्राइवेट स्कूल-कॉलेज या किसी दुकान में काम कर … Read more

भर्ती परीक्षाएं बंद क्यों नहीं कर दी जाएं

जो भी भर्ती परीक्षा होती है, उसका पेपर आउट क्यों हो जाता है -आखिर क्यों होता है ऐसा, कहीं इसके पीछे कोई खेल है ✍️प्रेम आनन्दकर, अजमेर। 👉भर्ती परीक्षाएं बंद क्यों नहीं कर दी जाएं। जो भी भर्ती परीक्षा होती है, उसका पेपर आउट क्यों हो जाता है।आखिर क्यों होता है ऐसा। कहीं इसके पीछे … Read more

फिर कोरोना की दस्तक: कोई चूक न हो

चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, अमेरिका सहित कई देशों में कोरोना के नये वेरिएंट के मामलों और उससे हुई मौतों के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। भारत में भी चीन में तबाही लाने वाले एवं भयंकर तबाही की आहट देने वाले बेरिएंट बीएफ. 7 के 4 नये मामले मिले हैं, जो गहरी … Read more

कांग्रेस और भाजपा की जन यात्राऐ और राजस्थान में कोचिंग संस्थान के छात्र छात्राओं की आत्महत्याऐ

चुनावी मौसम आते ही जिस तरह बरसाती मेंढक बरसात का मौसम आते ही टरटराने लगते हैं उसी प्रकार आगामी विधानसभा तथा लोकसभा चुनाव में लाभ के लिए देश के प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस दोनों राज्य में जन यात्राएं निकाल रहे हैं। भाजपा ने अपनी रैली को जनाक्रोश रैली का नाम दिया तो कांग्रेस … Read more

जामा मस्जिद की महिलाओं पर ‘तालिबानी फरमान’?

इबादत को लेकर इस्लाम मर्द और औरत के बीच कोई फर्क नहीं करता और दोनों को बराबर का हक दिया गया है, लेकिन दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद के प्रशासन ने महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगाने का ‘तालिबानी फरमान’ जारी करके सियासत गरमा दी है. यहां तक कि मक्का, मदीना और यरुशलम की अल … Read more

क्या पत्रकारिता किसी को निपटाने का हथियार है?

दोस्तों, कई बार मुझे यह सुन कर बहुत अचरज होता है कि किसी ने एक न्यूज आइटम में अमुक आदमी को चढा दिया गया है तो अन्य न्यूज आइटम में अमुक को रगड दिया है। मानो पत्रकारिता केवल सिर पर ताज सजाने या किसी की टोपी उछालने के लिए होती है। मानो पत्रकारिता ऑब्लाइज करने … Read more

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