आचार्य महाप्रज्ञ तुम्हारे अहिंसा बल को प्रणाम!
भारतभूमि अनादिकाल से अहिंसा एवं योग की प्रयोगभूमि रही है। अहिंसा एवं योग-साधना की यह गंगा बीसवीं सदी के उत्तरार्द्ध में जिस श्लाकापुरुष में आत्मसात् हुई, उनका नाम था- आचार्य श्री महाप्रज्ञ। जो एक गण के नायक थे तो साधना के महानायक एवं महायोगी थे। वे आत्मिक दृष्टि से इंसान को शक्तिशाली बनाने वाले पांव-पांव … Read more