न रख इतना नाज़ुक दिल
इश्क़ किया तो फिर न रख इतना नाज़ुक दिल माशूक़१ से मिलना नहीं आसाँ, ये राहे-मुस्तक़िल२ तैयार मुसीबत को, न कर सकूँगा दिल मुंतकिल३ क़ुर्बान इस ग़म को तिरि ख़्वाहिश४ मिरि मंज़िल मुक़द्दर५ यूँ सही महबूब तिरि उल्फ़त६ में बिस्मिल७ तसव्वुर८ में तिरा छूना हक़ीक़त९ में हुआ दाख़िल कोई हद नहीं बेसब्र दिल जो कभी … Read more