सावधान! भाग -2

जीवन दाई औषधियां आपको मौत के मुंह में ले जा सकती हैं, फिर न मिलेगी मौत और न बचेगा जीने लायक जीवन!! भाग 2 पतला-दुबला, सुन्दर शरीर मोटा-ताजा, गोलमटोल, और बेडोल हो जाता है, मुहांसों के होने से चेहरा पे भद्दापन नज़र आने लगता है. इस सबके अलावा इस औषधि के लम्बे समय तक सेवन … Read more

…बहुत कुछ ‘घट’ रहा है, इर्द गिर्द ही, लेकिन नजरें बचा कर

दुनिया ज्यों ज्यों आगे बढ़ रही है,उसी के अनुरूप कुछ लोग अपने हुनर में भी पारंगत हुए जा रहे हैं। मगर नजरें बचाकर । अभी दो दिन भी नहीं हुए, एक बड़ी खबर से रूबरू हुए की,सुदूर पूर्व के एक छोटे से देश ‘उत्तर कोरिया ‘ ने हाइड्रोजन बम बनालिया है। बताया जा रहा है … Read more

सावधान!

जीवन दाई औषधियां आपको मौत के मुंह में ले जा सकती हैं, फिर न मिलेगी मौत और न बचेगा जीने लायक जीवन!! सर्व प्रथम तो मैं ये स्पष्ट कर दूं कि मेरा ये ब्लॉग किसी भी डॉक्टर के खिलाफ व्यक्तिगत इर्ष्या वश न होकर मेरे लम्बे चिकित्सकीय अनुभव से प्रेरित है और जीवन के उन … Read more

हौसलों की बात है, आइये ‘ पतंगों ‘से कुछ सीखले .

कहते है आदमी ता उम्र कुछ ना कुछ सीखता रहा है । हर बार कुछ नया ही । आगे की बात यो है कि , — पहले केे दिनों में गांव, गली और मौहल्ले के स्तर पर लोग एक दूसरे से मेल मिलाप और जुड़ाव ज्यादा रखते थे एक दूजे के लिए वक्त बे वक्त … Read more

नेहा नरुका की कविता ‘पार्वती योनि’

ऐसा क्या किया था शिव तुमने ? रची थी कौन-सी लीला ? ? ? जो इतना विख्यात हो गया तुम्हारा लिंग माताएं बेटों के यश, धन व पुत्रादि के लिए पतिव्रताएँ पति की लंबी उम्र के लिए अच्छे घर-वर के लिए कुवाँरियाँ पूजती है तुम्हारे लिंग को, दूध-दही-गुड़-फल-मेवा वगैरह अर्पित होता है तुम्हारे लिंग पर … Read more

कारवां गुजर गया हम खड़े खड़े गुबार देखते रहे ….

उस समय मैं 4 वर्ष का रहा हूँगा जब तथा कथित धर्म के नाम पर भारत भूभाग का बंटवारा हुआ था जब हमारे बुजुर्गों ने आजादी की चाह में अंग्रेजो के विरुद्ध किसीने सत्याग्रह रूप में और किसी ने सशस्त्र विद्रोहे को अपना आक्रोश प्रकट करने का माध्यम बनाया था? सभी जन की केवल एक … Read more

क्या पैसे वालो के सामने असहाय हो जाती जा रही है न्यायिक व्यवस्था

कॉमेडी नाईट विथ कपिल के कलाकार पलक ( किकू शारदा ) को एक ही दिन में 14 दिन की सजा मिलने के बाद मिली जमानत , जेल प्रशासन ने भी किया रिहा ••••• बड़ा सवाल क्या पैसे वालो के सामने असहाय हो जाती जा रही है हमारी न्यायिक व्यवस्था •••••• कॉमेडी नाइट विथ कपिल में … Read more

जबरा करे तो दिल्लगी, गबरू का गुनाह…!!

तारकेश कुमार ओझा तब साझा – चूल्हा और संयुक्त परिवार की खासी महत्ता थी। गांव हो या शहर हर तरफ यह गर्व का विषय होता था। बड़े – बुजुर्ग बड़े अभिमान से कहते थे बड़ा परिवार होने के बावजूद उनके यहां आज भी एक ही चूल्हा चलता है। लेकिन इस विशेषता का एक विद्रूप पक्ष … Read more

आज आपको देखकर ही ये ख्याल आया है

शायद ना कभी आपके जहन में ये ख्याल आया है, कि खुदा ने आपको कितनी फुरसत से बनाया है। आपकी आँखें देखी तो दिखा कि इनमें कोई कहानी है, या शायद खुदा ने कहानी के आगाज के लिए इन्हें बनाया है। आपकी खुलती और बन्द होती पलकें, खुलने से बन्द होने के दरम्यान ये कहती … Read more

स्वामी विवेकानंद का विश्व धर्म सम्मेलन में ऐतिहासिक उद्धबोधन

उन्तालीस वर्ष के संक्षिप्त जीवनकाल में स्वामी विवेकानन्द जो काम कर गये वे आने वाली अनेक शताब्दियों तक पीढ़ियों का मार्गदर्शन करते रहेंगे।तीस वर्ष की आयु में स्वामी विवेकानन्द ने शिकागो, अमेरिका के विश्व धर्म सम्मेलन में हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व किया और उसे सार्वभौमिक पहचान दिलवायी। 25 वर्ष की अवस्था में ही युवा नरेन्द्र … Read more

नेचर को फ़िर से प्रदुषण रहित तो बनाया ही जा सकता हैं

एनडीटीवी पर रिपोर्ट आ रही थी कि हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार से पूछा है कि राजधानी में प्रदुषण के बढ़ते स्तर को कम करने के लिए इवेन अॉड वाले फोर्मुले को एक हफ़्ते से आगे क्यूँ जारी रखा गया या उसका असर देखने के लिए एक हफ़्ता काफ़ी क्यूँ नहीं। हाई कोर्ट ने इतनी … Read more

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