देवी नागरानी की सिंधी रचना का खीमन मूलाणी द्वारा हिन्दी अनुवाद

मूल: देवी नागरानी मौत जी छाया मौत जी कारी छाया हयातीय जे सफर में पाच्छो थी साणु-साणु मुहिंजे पई रुलन्दी आहे, तेसीं जेसीं सिजु चढिहियल आहे लहण ते जीवन सां नातो तोड़े ग़रूब थी वेंदो आहे ! पता: ९-डी॰ कॉर्नर व्यू सोसाइटी, १५/ ३३ रोड, बांद्रा , मुंबई ४०००५० फ़ोन: 9987938358 हिन्दी अनुवाद: खीमन मूलाणी … Read more

योग से नहीं आ रही मन में नकारात्मक बातें

लगता है अपने देश के विपक्षी नेताओं को मन की बात का मतलब ही पता नहीं है। मन की बात का सीधा-सादा मतलब है,कि व्यक्ति के मन में उठने वाले विचार। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन में रह-रहकर जो विचार उठते हैं,उन्हें वे महीने-दो महीने में आकाशवाणी के माध्यम से देश की जनता के सामने … Read more

नहीं गई वसुन्धरा, कायम है राज

वसुन्धरा राजे ने साबित कर दिया कि ठसके से राज करना किसे कहते हैं। अखबार और चैनल वालों ने तो ऐसी-ऐसी खबरें चलाई कि लगा कि वसुन्धरा अब गई-तब गई। लेकिन राजस्थान में लगता है वसुन्धरा भाजपा के लिए मजबूरी है। जिस महिला ने 2009 में विपक्ष का नेता बनने के लिए बगावत कर विधायकों … Read more

चिट्ठीयां लिखने का राष्ट्रवादियों का इतिहास पुराण कोई नया नही है?

अपितु बहुत पुराना है और यह हम नहीं कह रहे हैं यह भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास में दर्ज है ! साथ ही यह भी बहुत कष्टदायक है की जिस व्यक्ति को भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका हो जो 6 वर्ष तक भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक देश का प्रधान मंत्री रह चुका हो ? … Read more

अलग कानून है सयानी स्मृति के लिए

स्मृति ईरानी के फरजीवाड़े की बात निकलने पर एक टीवी बहस (‘मुक़ाबला’, एनडीटीवी पर आज रात आठ बजे) में संबित पात्रा ने जब फिर कहा कि टाइप की त्रुटि है तो मुझे कहना पड़ा – टाइप की गलती ‘ए’ को ‘एस’ लिखने पर कहला सकती है, स्मृति के (तीन) हलफनामों में टाइप की ऐसी त्रुटि … Read more

आज नहीं तो कल वसुंधरा को जाना ही होगा

धर्म के पथ पर चलने वाले व्यक्तियों को कई बार ऐसा लगता है कि जो लोग अधर्म के पथ पर चल रहे हैं उनका कुछ भी नहीं बिगड़ रहा। इसके लिए कई बार भगवान को भी कोसा जाता हे, लेकिन इसका दूसरा पक्ष यह भी है कि जब तक भगवान की कृपा होती है, तब … Read more

कबीर : एक अनोखा व्यक्तित्व

कबीर एक ऐसी शख्शियत जिसने कभी शास्त्र नही पढा फिर भी ज्ञानियों की श्रेणीं में सर्वोपरी। कबीर, एक ऐसा नाम जिसे फकीर भी कह सकते हैं और समाज सुधारक भी । मित्रों, कबीर भले ही छोटा सा एक नाम हो पर ये भारत की वो आत्मा है जिसने रूढियों और कर्मकाडों से मुक्त भारत की … Read more

कांग्रेस की इमरजेन्सी को तो हमने भी दी थी मात

मेरी उम्र 53 साल है और 40 वर्ष पहले जब 25 जून 1975 को देश में एमरजेन्सी लगी थी तब के माहौल की स्मृति अभी भी मेरे मस्तिष्क में है। तब मेरे पिता कृष्णगोपाल जी गुप्ता अपना पाक्षिक समाचार पत्र भभक प्रकाशित करते थे। उस समय उनकी निडर लेखनी का लोहा माना जाता था। अखबार … Read more

पुष्पा वल्लभ की सिंधी रचना का देवी नागरानी द्वारा हिंदी अनुवाद

सिन्धी: पुष्पा वल्लभ कुछ बि न…… मूँ वटि तोखे डियण लाइ कुछ बि न आहे न तनु, न मनु, न अखियूँ टंग, न पेरु, न बाँह ऐं न ही ज़बान जो ज़बान डेई निभाए न सघंदास ! संपर्क : सिन्ध हिन्दी अनुवाद : देवी नागरानी कुछ भी नहीं …… मेरे पास तुम्हें देने के लिए … Read more

आखिर कांग्रेस कर मुद्दे को हिन्दू-मुस्लिम चश्में से क्यों देखती है

जब पिछले एक माह से मुस्लिम धर्म गुरु योग को धर्म विरोधी बता रहे हैं, तब सवाल उठता हैं कि यदि निमंत्रण मिलता तो क्या उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी 21 जून को दिल्ली में राजपथ पर पीएम मोदी के साथ योग करते? अभी तो उपराष्ट्रपति कार्यालय का यही कहना है कि राजपथ के योग के कार्यक्रम … Read more

इन ‘ ललितों ‘ का तो एेसा ही है…!!

-तारकेश कुमार ओझा- उन दिनों किसी अखबार में पत्रकार होना आइएएस – आइपीएस होने से किसी मायने में कम महत्वपूर्ण नहीं था। तब किसी भी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी के कार्यालय के सामने मुलाकातियों में शामिल करोड़पति से लेकर अरबपति तक को भले ही अपनी बारी के लिए लंबी प्रतीक्षा करनी पड़े, लेकिन पत्रकार को … Read more

error: Content is protected !!