सुषम बेदी की हिंदी रचना का देवी नागरानी द्वारा सिंधी अनवाद

लेखिका: सुषम बेदी टूटना रिश्ते टूटते हैं, व्यक्ति नहीं पत्ते टूटते हैं, पेड़ नहीं क्योंकि, जब व्यक्ति टूटता है तो पेड़, पत्ता कुछ भी नहीं रहता सुषम बेदी संपर्क: 404 west 116 street apt. 33 New York, NY 10027 सिन्धी अनुवाद : देवी नागरानी टुटणु रिश्ता टुटंदा आहिन, माणहू न पन्न टुटंदा आहिन, वण न … Read more

आंखों में अश्क लबों पे मुस्कान है

आंखों में अश्क लबों पे मुस्कान है इस दिल की यही तो बाकी बची पहचान है हर एक कतरे पे लिखी है दास्तान कई दिल के मेरे पढ़ रहा जो भी वो मेरे भगवान हैं कभी पतझड़ है तो कभी बहार है मगर दिल के गुलिस्तां में नहीं कोई सयाबान है हर तरफ आग का … Read more

स्वच्छ एवं सन्तुलित पर्यावरण के लिए पौधारोपण जरुरी

सोशल मीडिया व्हाट्सप्प, फेसबुक एवं अन्य सोशल साइड पर पिछले कुछ दिनों से बढ़ता तापमान, सूर्य देव का प्रकोप एवं एक प्राचीन लघु कथा जिसमे हनुमान जी से उगते हुये सूर्य को लाल फल समझकर उसे पकड़ने और गर्मी के प्रकोप से राहत दिलाने की विनती इत्यादि पोस्ट अनवरत चल रही हैं । कारण देश … Read more

उम्र का ये सफर वो सफर भी कटता रहा

उम्र का ये सफर वो सफर भी कटता रहा मुझको बांट कर ये डगर मुझसे मिटता रहा मैं बरखा बनूं या बादल बनूं ये मुझपे न था कोई झरना मुझसे कैसे कोई फिर फूटता रहा ना मैं जमीं ही थी ना कोई आसमान ही थी हर ऊंचाई मुझे होते हुए झुकता रहा ख्वाब तो कई … Read more

डॉ. सरिता मेहता की हिंदी रचना का देवी नागरानी द्वारा सिंधी अनुवाद

लेखिका: डॉ. सरिता मेहता बदलते सपने एक सपना था बड़ा होने का। माँ की तरह तैयार होने का, माँ बन, ममता लुटाने का॥ एक सपना था कुछ करने का, जग में नाम-शौहरत कमाने का, अखबारों की सुर्खियों में छा जाने का॥ अब सपना है बुद्ध सा बनने का, मोह माया से पूर्णत: विरक्त होने का … Read more

चेतना के विभिन्न स्तर

चेतना के तीन स्तर माने गए हैं:—– 1. चेतन 2. अवचेतन 3. अचेतन चेतन स्तर——- चेतन स्तर पर वे सभी बातें रहती हैं जिनके द्वारा हम सोचते समझते और कार्य करते हैं । चेतना में ही मनुष्य का अहंभाव रहता है और यहीं विचारों का संगठन होता है। अवचेतन स्तर——– अवचेतन स्तर में वे बातें … Read more

देवी नागरानी की सिंधी रचना का खीमण मूलानी द्वारा हिंदी अनुवाद

मूल सिन्धी : देवी नागरानी मुरकी थी पवाँ मुहिंजे सोच जे जंगल में शरीक आहे मूँ साणु सञे जहान जो शोर घणन जा ग़म, घणन जूं उदासियूं मुहिंजे घट जे सुनसान आकाश में ककड़न जा ज़र्रा बणिजी हवाउन जे परन ते पाहिंजों रुख़ प्या मटाइन कडहिं वराए वाग वञन पहाड़न जूं चोटियूं चुमण कडहिं, सावण … Read more

केन्द्र क्यों नहीं करता देश भर में मैगी को बैन

4 जून को गुजरात सरकार ने भी नेस्ले इंडिया के उत्पाद मैगी पर आगामी 30 दिनों तक बैन लगा दिया है। इससे पहले दिल्ली, केरल और उत्तराखंड में भी मैगी की बिक्री पर रोक लग चुकी है। देशभर में मैगी पर जो छापामार कार्यवाही की जा रही है, उसमें मैगी के सभी नमूने फेल हो … Read more

परम्परागत मीडिया के एकाधिकार को चुनौती देगा सोशल मीडिया

प्राचीन काल से ही सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए कई अनेक रोचक एवं अनोखे तरीके अपनाए जाते रहे हैं। आज वह एक कहानी की तरह लगती है। बीते दशकों में संचार टेक्नोलॉजी में आए चमत्कारिक परिवर्तन का सर्वाधिक फायदा सूचना जगत को हुआ है और मीडिया की इस पर निर्भरता बढ़ गई है। स्कॉटलैण्ड के … Read more

किसे मिलेगा दलित वोट बैंक का फायदा

दलितों के मसीहा भीमराव अंबेडकर को अपना बनाने के लिए कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच कुश्ती शुरू हो गई है. मंगलवार को कांग्रेस के राहुल गांधी ने अंबेडकर के जन्मस्थान मऊ जाकर उन्हें श्रद्धांजलि समर्पित की.दरअसल इस वर्ष 14 अप्रैल से अंबेडकर का 125वां जन्मदिवस वर्ष मनाया जा रहा है और केंद्र की … Read more

मृदुल कीर्ति की हिंदी रचना का देवी नागरानी द्वारा सिंधी अनुवाद

मूल: मृदुल कीर्ति कटी पतंग एक पतंग नीले आकाश में उड़ती हुई मेरे कमरे के ठीक सामने अचानक कट कर खिड़की से दिखते एक पेड़ पर अटक गयी। नीचे कितने ही लूटने वाले आ गए क्योंकि पतंग की किस्मत है कभी कट जाना कभी लुट जाना कभी उलझ जाना कभी नुच जाना कभी बच जाना … Read more

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