आस्था केंद्र केन्द्र हैं लाल चंदन की काष्ठ प्रतिमाएं

-चन्दन सिंह भाटी- पत्थर की तरह लकड़ी भी अपने भीतर पवित्रता छिपाएं हुए है, तभी पशिचम की दुनिया के लोग किसी के लिए दुआ करते समय लकड़ी को छूकर ‘टचवुड’ कहते है। पूर्व में भी यह मान्यता काफी पुरानी है। भारत के पशिचम में भी बहुत पुरानी, भारत के पशिचम अर्थात राजस्थान में उससे भी … Read more

भाजपा का व्यवहार खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे की तरह

-हरेश कुमार- हाल के दिनों में राजनीति ने जिस कदर करवटें ली है, उसे देखकर हर कोई हैरान-परेशान है। चाहे कांग्रेस हो या भाजपा या कोई और क्षेत्रीय दल दिल्ली में आम आदमी पार्टी के राजनीतिक उदय से भौंचक्के हो गए हैं और हो भी क्यों ना आज से पहले किसी भी बुद्धिजीवी वर्ग के … Read more

आबू पर्वत पर अग्निकुण्ड से कैसे उत्पन्न हुये थे क्षत्रिय?

-रतन सिंह शेखावत- क्षत्रियों की उत्पत्ति के बारे में अक्सर सुनने पढने को मिलता है कि क्षत्रिय राजस्थान में आबू पर्वत पर आयोजित यज्ञ से उत्पन्न हुये है पर क्या यज्ञ के अग्निकुण्ड से मानव की उत्पत्ति संभव है ? यदि नहीं तो फिर यह कहानी व मान्यता कैसे प्रचलित हुई ? क्षत्रियों की अग्निकुंड से … Read more

चाहे गिराइये चाहे रखिये AAP तो बस काम करेगी अपने दम पर

अब जैसे जैसे सरगर्मियां तेज़ हो रहीं हैं अफवाहों का बाज़ार भी गर्माता जा रहा है ….. लोग कह रहे हैं कि कांग्रेस शायद AAP को समर्थन ना दे …. सब से पहले इस समर्थन के ड्रामे विवेचना की जाए ? * कांग्रेस राजनीति को एक खेल मानती है और इस खेल की पुरानी खिलाड़ी … Read more

ज्‍योतिष का अन्‍य विज्ञानों के साथ धनात्‍मक सहसंबंध आवश्‍यक

-विद्या सागर महथा– पृथ्‍वी की निरंतर गतिशीलता के कारण प्रत्‍येक दो घंटे में विभिन्‍न लग्‍नों का उदय है। इसकी दैनिक गति के कारण दिन और रात का अस्तित्‍व है, वार्षिक गति के कारण इसके ऋतु परिवर्तन का चक्र। गति के कारण ही चंद्रमा का बढता घटता स्‍वरूप है , गति के कारण विशिष्‍ट ग्रहों की … Read more

महाराजा छत्रसाल धामगमन दिवस पर विशेष आलेख

-डॉ. जयप्रकाश शाक्य– महाराजा छत्रसाल बहुमुखी प्रतिभा के धनी, वेद, ब्राह्ममण और गौरक्षक, उदार हृदय, दानी, शूरवीर, कला-काव्य प्रेमी, यशस्वी प्रजापालक, धर्मध्वजवाहक, स्वतंत्रता के परम समर्थक, महामति प्राणनाथ पर सर्वस्व न्यौछावर करने वाले, बुन्देखण्ड नरवीरकेशरी, साकुण्डल सखी के अवतार, कुशल राजनीतिज्ञ एवं परमयोद्धा थे। वे मध्य युग में बुन्देलखण्ड राज्य के संस्थापक थे। श्रीकृष्ण प्रणामी … Read more

डीडवाना क्षेत्र में 8 लाख वर्शो पूर्व आबादित थे ‘होमो इरेक्ट्स‘

-हनु तंवर नि:शब्द- डीडवाना क्षेत्र में नीचले पेलियोलिथिक काल से सम्बन्धित ‘‘एषूलियन कल्चरल टेªडीषन्स’’, सरस्वती की सहायक नदी दृशद्वती के बहाव व विलुप्त होने, थार के रेगिस्तान की गतिविधियों का प्रभाव तथा डीडवाना में ही मीठे पानी सेे नमक की झील में परिवर्तन के घटनाक्रमों, भूजल में फ्लोराइड व यूरेनियम की उपस्थ्तिि ने इस क्षेत्र को … Read more

ताकत वतन कि हमसे है

सरहद पर एक रात  जवानो के साथ -चन्दन सिंह  भाटी- बाड़मेर  बी.एस.एफ के जवान पाक रेंजर्स की खामोशी या निकमेमप पर किसी प्रकार की कोई रिस्क लेने को तैयार नही हैं। दुश्मन कतई विश्वास करने लायक नही हैं जिसमें एल.ओ.सी की घटना के बाद बी.एस.एफ ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर और चैकसी बढ़ा दी हैं वैसे बोर्डर पर दिन … Read more

जोर-जबरदस्ती और घूसखोरी का सामना करने में जीवंत है भारतीय लोकतंत्र

वर्ष 2013 समाप्ति की ओर है। एक महत्वपूर्ण चुनावी लड़ाई अभी हाल ही में समाप्त हुई है, एक निर्णायक लड़ाई आने वाले वर्ष में लड़नी है। आगामी वर्ष की मध्यावधि समाप्त होने से पहले सोनिया गांधी-मनमोहन सिंह के शासन का भविष्य तय हो जाएगा। समाचारपत्रों की सुर्खियों ने विगत् विधानसभाई चुनावों को ‘कांग्रेस के सफाए‘ के रुप में वर्णित किया … Read more

इस लोकपाल में मेरे लिए है ही क्या

लोकपाल पास हो गया, काफी चर्चा हो रही है, अब आम आदमी पार्टी के पास कोई मुद्दा नहीं, मैं भी सोच रहा हूँ, लोकपाल पास हो गया, अब मुझे आम आदमी पार्टी छोड़ देनी चाहिए, इस सोच में ही मैं घर से निकला, मेरा पैर एक खड्डे में जा गिरा सड़क टूटी हुई थी, नाली … Read more

अन्ना को अब पूर्ण विश्राम ले लेना चाहिए

-राजेन्द्र सिंह हीरा- जहाँ तक अन्ना जी को थोडा बहुत मैं समझ पाया हूँ , उसका लबोलुबाब यह है कि अन्ना जी ने अपने 30 साल के आंदोलनों में नए नए मुकाम तय किये. हर आंदोलन में उनका मकसद , उनकी टीम अलग होती थी. मकसद पूरा होने पर वे आगे बढ़ जाते थे , किसी … Read more

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