भगवान दयालु नहीं?

एक कहावत है कि जो होता है, वह अच्छे के लिए होता है अथवा जो होगा, वह अच्छे के लिए होगा। मैं इससे तनिक असहमत हूं। मेरी नजर में हमारे साथ वह होता है, जो उचित होता है। उसकी वजह ये है कि प्रकृति अथवा जगत नियंता को इससे कोई प्रयोजन नहीं कि हमारा अच्छा … Read more

क्या एआई श्रीकृष्ण-अर्जुन संवाद रिकार्ड कर पाएगा?

दोस्तो, नमस्कार। इन दिनों आर्टिफिषियल इंटेलिजेंस का बोलबाला है। अनेक आयामों में उसकी सफलता देख कर सभी अचंभित हैं। उसके जरिए ब्रह्मांड के ऐसे रहस्यों की खोज हो रही है, जिसक कल्पना तक नहीं की गई थी। ऐसे में एक सवाल उभर कर आया है। कि महाभारत युद्ध में भगवान श्रीकृश्ण ने अर्जुन को गीता … Read more

बुजुर्ग भाइयों के चेहरे मिलते जुलते हैं?

दोस्तो, नमस्कार। पुरानी पीढी के लोगों को देखेंगे तो भाई भाई की षक्ल लगभग एक जैसी नजर आएगी। काफी समानता दिखाई देगी। जब कि आज ऐसा नहीं है। भाई भाई की षक्ल कम ही मिलती है। मिलती है तो थोडी बहुत। मेरे मित्र लक्ष्मण सतवानी उर्फ कालू भाई ने मुझे यह जानकारी दी। उनका कहना … Read more

केवल गहरी चिंता भी प्रार्थना बन जाती है?

जब हम किसी बात से परेषान होते हैं, तो अपने इश्ट देव से, भगवान से प्रार्थना करते हैं, खुदा से दुआ मांगते हैं। इस उम्मीद में कि वहां से मदद आएगी। आती भी है। इससे इतर अगर हम मदद की गुहार नहीं भी करते और चिंता में ही गहरे डूबे रहते हैं, तब भी वह … Read more

चौक में तवा उलटा रखने से बंद हो जाती है बारिश?

बारिश होने पर तो कई कहावतें हैं मगर एक कहावत ऐसी भी है जो बारिश को रोकने के टोटके के रूप में काम में ली जाती है। इस दिलचस्प टोटके के अनुसार अगर बारिश नहीं थम रही हो तो चौक में तवे को उलटा करके रख देने से बारिश धीमी पड़ जाती है या थम … Read more

फल की इच्छा के बिना कर्म हो ही कैसे सकता है?

गीता का एक सूत्र है- कर्मण्येवाधिकारस्ते, माफलेषु कदाचन। इसका तात्पर्य है कि कर्म करो, मगर फल की इच्छा मत करो। अर्थात वह ईश्वर पर छोड़ दो। चूंकि यह सूत्र कर्मयोग के महानतम ग्रंथ गीता का है, इस कारण इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। लकिन सवाल है कि फल की इच्छा के बिना कोई … Read more

चांदी व तांबे के बर्तन में रखे पानी पीने के क्या फायदे हैं?

दोस्तो, नमस्कार। आपकी जानकारी में होगा कि कई लोग चांदी या तांबे में रखे पानी को पीते हैं। ऐसी मान्यता है कि इससे कुछ फायदे होते हैं। स्वाभाविक रूप से ऐसा पानी में चांदी व तांबे के तत्व षामिल हो जाने की वजह से होता होगा, ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इसकी वजह … Read more

पितरों को श्राद्ध की वस्तुएं कैसे मिलती हैं?

हालांकि सभी हिंदू श्राद्ध में विश्वास रखते हैं, और परंपरागत रूप से श्राद्ध कर्म करते भी हैं, मगर कुछ लोग यह सवाल खडा करते हैं कि जो प्राणी मरने के बाद दूसरी योनि में जन्म ले चुका, वह श्राद्ध पक्ष के दौरान हमारी ओर से उसके निमित्त ब्राह्मण को कराए गए भोजन को कैसे ग्रहण … Read more

देवी-देवताओं को भी खुषामद पसंद हैं?

इस दुनिया में आम तौर पर हर आदमी अपना मतलब सिद्ध करने के लिए चमचागिरी करता है। हालांकि ऐसे भी लोग हैं जो कि आत्म सम्मान के नाम पर चमचागिरी से परहेज रखते हैं। उनमें से एक मैं भी हूं। मैं किसी को पूरी सहृदयता से अपेक्षित सम्मान तो दे सकता हूं, मगर चमचागिरी नहीं … Read more

गीता में बाल होने का राज क्या है?

दोस्तो, नमस्कार। कुछ कथा वाचक व संत श्रोताओं का विष्वास जीतने के लिए एक अनूठी तरकीब का इस्तेमाल किया करते हैं। इसकी जानकारी मुझे अरसे पहले मेरी मां के माध्यम से हुई। वे आध्यात्मिक प्रवत्ति की थीं। अमूमन संतों के प्रवचन व कथा सुनने जाती थीं। एक बार कथा सुन कर आने पर उन्होंने बताया … Read more

सत्ताधीश पर जादू या मंत्र असर नहीं डालता?

दोस्तो, नमस्कार। वर्शों पहले मैने सुना था कि राजाओं, सत्ताधीषों और प्रशासनिक तंत्र के लिए काम करने वालों पर जादू या तंत्र-मंत्र का असर नहीं होता। इस बारे में विद्वानों से चर्चा की तो समझ में आया कि इसकी वजह क्या हो सकती है? अव्वल तो जादू-टोने के अस्तित्व पर ही सवाल खडे किए जाते … Read more

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