सात पीढी ही क्यों, आठ या नौ क्यों नहीं?

दोस्तो, नमस्कार। आपको जानकारी होगी कि हम पूर्वजों अथवा भावी पीढी के बारे में बात करते हैं तो सात पीढी का जिक्र आता है। इस सात के आंकडे के क्या मायने हैं? पीढी सात ही क्यों, आठ या नौ क्यों नहीं? वस्तुतः सात पीढ़ी का उल्लेख खास तौर पर भारतीय संस्कृति, धर्म और सामाजिक परंपराओं … Read more

…तो वैज्ञानिकों की पूजा क्यों नहीं होनी चाहिए?

हाल ही मेरे एक मित्र ने मेरे सामने एक ऐसा सवाल खड़ा कर दिया, जिसने मुझे सोचने को मजबूर कर दिया। उनकी बात तर्क के लिहाज से ठीक प्रतीत होती है, मगर होना क्या चाहिए, इस पर आप सुधि पाठक विचार कर सकते हैं। सवाल है कि सुखी रहने के लिए हम देवी-देवताओं की पूजा … Read more

सांड लाल कपडा देख कर भडकता क्यों है?

दोस्तो, नमस्कार। आपको यह अनुभव होगा कि जब हम कहीं से गुजर रहे हों और लाल रंग का वस्त्र पहना हुआ व सामने से सांड आ रहा हो तो सलाह दी जाती है कि हम उससे नजर बचा कर चलें। अन्यथा वह हमला कर देगा। असल में यह एक बहुत ही आम धारणा है कि … Read more

गणेश चतुर्थी के दिन चांद को देखने पर लगता है झूठा आरोप

हालांकि आज के वैज्ञानिक चुग में जबकि मानव चंद्रमा की धरती पर पहुंच चुका है, ऐसे में इस प्रकार की अवधारणा खारिज सी होती है, मगर जैसा चलन में उसका जिक्र कर रहे हैं यह एक बेहद रोचक मिथ है कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी अर्थात गणेश चतुर्थी के दिन चांद देखने पर आप … Read more

क्या एक आत्मा की जगह दूसरी आत्मा को ले जाया जा सकता है?

हाल ही मेरे रिश्तेदारों के साथ एक ऐसा वाकया पेश आया, जिससे सवाल उठता है कि क्या यमदूत एक आत्मा की जगह दूसरी आत्मा को ले जा सकते हैं? हुआ ये कि मेरे एक रिश्तेदार जयपुर से अहमदाबाद माइग्रेट हो रहे थे। सामान के साथ एक छोटे ट्रक में बैठ कर सफर कर रहे थे। … Read more

सिंधी समुदाय हर माह चांद उत्सव क्यों मनाता है?

सिंधी समुदाय नव हिंदू वर्श के आरंभ में चैत्र माह की प्रतिपदा यानि चेटीचंड को इस्ट देव झूलेलाल जी की जयंती बडे उत्साह के साथ मनाता है। इसके अतिरिक्त सिंधी समुदाय हर माह की अमावस्या के बाद पहली चांद रात यानि शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा या द्वितीया को चांद उत्सव मनाता है। इसी दिन माह … Read more

जप करते समय माला को ढ़कते क्यों हैं?

आपने देखा होगा कि अनेक श्रद्धालु जप करते समय हाथ में फेरी जा रही माला को कपड़े अथवा गौमुखी से ढ़क कर रखते हैं। गौमुखी अर्थात गौमुख की आकृति में सिला हुआ कपड़ा, जिसमें माला सहित हाथ डाल कर जप किया जाता है। इसकी वजह क्या है? वस्तुतः हमारे यहां मान्यता है कि योग व … Read more

क्या फ्रिज में आटे का लोया रखने पर उसे भूत खाने को आते हैं?

आजकल की व्यस्त जिंदगी में आमतौर पर गृहणियां आटे को गूंथ कर उसका लोया फ्रिज में रख देती हैं, ताकि जब खाने का वक्त हो तो उसे तुरंत निकाल कर गरम रोटी बनाई जा सके। यह आम बात है। इसको लेकर संस्कृति की दुहाई देते हुए सोशल मीडिया में यह जानकारी फैलाई रही है कि … Read more

क्या मोक्ष प्राप्त संत की समाधि फल दे सकती है?

हम संत-महात्माओं की समाधियां बनाते हैं। वहां अपना सिर झुकाते हैं। हर साल उन समाधियों पर मेले लगते हैं। उनकी महिमा गाई जाती है। अपनी किसी मनोकामना को लेकर हम भी अरदास करते हैं। बिना किसी स्वार्थ के केवल श्रद्धा भाव से किसी समाधि पर मत्था टेकने वाले भी होंगे, मगर अमूमन किसी इच्छा की … Read more

मंदिर में दर्शन के बाद बाहर सीढ़ी पर क्यों बैठते हैं?

मंदिर में दर्शन के बाद बाहर सीढ़ी पर थोड़ी देर क्यों बैठा जाता है? यह सवाल मेरे जेहन में अरसे से है। इसका जवाब जानने की बहुत कोशिश की, मगर अब तक उसका ठीक ठीक कारण नहीं जान पाया हूं। भले ही आज वास्तविक कारण का हमें पता न हो, मगर यह परंपरा जरूर कोई … Read more

चौराहे, तिराहे व मार्ग के भी देवता होते हैं?

हिंदू धर्म में तैंतीस कोटी अर्थात करोड़ देवी-देवता माने जाते हैं। हालांकि इसको लेकर मतभिन्नता भी है। कुछ जानकारों का कहना है कि कोटि का अर्थ करोड़ तो होता है, मगर कोटि का अर्थ प्रकार भी होता है। उनका कहना है कि देवता तैंतीस कोटि अथवा प्रकार के होते हैं। जो कुछ भी हो, मगर … Read more

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