आइये जानें नवरात्र का महत्व

नवरात्र का महत्व – नवरात्र संस्कृत शब्द है, नवरात्रि एक हिंदू पर्व है, जिसका अर्थ होता है नौ रातें। यह पर्व साल में दो बार आता है। एक शारदीय नवरात्रि, दूसरा है चैत्रीय नवरात्रि। नवरात्रि के नौ रातों में तीन हिंदू देवियों- पार्वती, लक्ष्मी और सरस्वती के नौ में स्वरूपों पूजा होती है, जिन्हें नवदुर्गा कहते … Read more

स्वतंत्रता आंदोलन में गांधी जी का संघर्ष

दक्षिण अफ्रीका से लौटने के बाद भारतवासियों को उनके अधिकार दिलाने के लिए गांधी जी नेशनल इण्डियन कांग्रेस की स्थापना की। पहली बार सत्याग्रह के शस्त्र का प्रयोग किया और विजय भी पाई। इस प्रकार सन्‌ 1914-15 में गांधी जब दक्षिण अफ्रीका से वापिस भारत लौटे, तब तक इन विचारों और जीवन-व्यवहारों में आमूल-चूल परिवर्तन … Read more

रोज हो रही है हत्या गांधी की

पिछली पुण्यतिथि के बाद धोने-पोंछने का यह पहला अवसर आया है। प्रत्येक वर्ष ऐसा ही होता है, जयंती और पुण्यतिथि के बीच की अवधि में गांधीजी के साथ कोई नहीं होता है। कड़वी बात तो यह है कि बचे-खुचे गांधीवादी भी नहीं। वे गांधीजी का साथ दे भी नहीं सकते हैं क्योंकि जरूरतों और परिस्थितियों … Read more

आधार कार्ड आखिर हो गया निराधार

-प्रमोद भार्गव- आखिरकार केंद्र सरकार के हलफनामे और सर्वोच्च न्यायालय के फैसले ने आधार कार्ड निराधार घोशित कर दिया। अब आधार कार्ड बनेंगे तो सही लेकिन इनकी अहमियत अनिवार्यता के बजाय वैकल्पिक ही रहेगी। हालांकि संसद की स्थायी समिति ने भी इस पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए इसके निर्माण पर रोक लगाने की सिफारिश की … Read more

गरीबों का मसीहा बनाम राजनीति का मसखरा

चारा घोटाला मामले में दोषी करार दिए गए लालू प्रसाद यादव तमाम विवाद और आरोप के बीच राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद इस देश का वो चेहरा भी हैं जो सालों पुरानी व्यवस्था को कुचलकर आगे बढ़ता है। जो हमारे देश के ताकतवर सिस्टम को आंखें दिखाकर आगे बढ़ा। गोपालगंज के बेहद ही गरीब परिवार में … Read more

शिरडी के साईं बाबा

शिरडी के साईं बाबा (जन्म- 28 सितम्बर, 1836 ई.; मृत्यु- 15 अक्टूबर, 1918, शिरडी, महाराष्ट्र) एक भारतीय आध्यात्मिक गुरु, योगी और फकीर थे। साईं बाबा को कोई चमत्कारी पुरुष तो कोई दैवीय अवतार मानता है, लेकिन कोई भी उन पर यह सवाल नहीं उठाता कि वह हिन्दू थे या मुस्लिम। साईं बाबा ने जाति-पांति तथा … Read more

मेरी आवाज हीं मेरी पहचान है…

लता मंगेशकर के जन्मदिन पर विशेष लता मंगेशकर का जन्म इंदौर, मध्यप्रदेश में सितम्बर २८, १९२९ को हुआ। लता मंगेशकर का नाम विश्व के सबसे जानेमाने लोगों में आता है। इनका जन्म संगीत से जुड़े परिवार में हुआ। इनके पिता प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक थे व उनकी एक अपनी थियेटर कम्पनी भी थी। उन्होंने ग्वालियर से … Read more

वो अपने चेहरे में सौ आफ़ताब रखते हैं इसीलिये तो वो रुख़ पे नक़ाब रखते हैं

हसरत जयपुरी पुण्य तिथी पर विशेष -सुनील दत्ता- सलाम प्यार को, चाहत को, मेहरबानी को, सलाम जुल्फ को खुशबु की कामरानी को सलाम सलाम गाल के तिलों को जो दिलो की मंजिल है ऐसी शायरी के अजीमो शख्सियत हसरत जयपुरी का जन्म 15 अप्रैल 1918 में जयपुर में हुआ था। हसरत जयपुरी का नाम इकबाल हुसैन था। … Read more

अंग्रेजी बनाम हिन्दी ‘गुलामी की हद नहीं तो और क्या है?

-विकास कुमार गुप्ता- गांधीजी ने हिन्द स्वराज में कहा था- ‘हिन्दुस्तान की आम भाषा अंग्रेजी नहीं, बल्कि हिन्दी है। वह आपको सीखनी होगी और हम तो आपके साथ अपनी भाषा में ही व्यवहार करेंगे।‘ उन्होंने अपने बैरिस्टर होते हुए अंग्रेजी भाषा में बहस करने पर भी कटाक्ष किया था, ‘यह क्या कम जुल्म की बात है … Read more

संपर्कभाषा का मनोवैज्ञानिक स्वरूप और राजभाषा

जब किसी देश-विशेष में वहाँ की मूल भाषा के अतिरिक्त किसी अन्य भाषा का प्रचलन होता है अथवा जब वहाँ विविध भाषाओं का प्रयोग होता है जिस कारण किसी एक प्रदेश में दूसरे प्रदेश की प्रचलित भाषा के कारण नागरिकों को संवाद-संपर्क स्थापित करने में बड़ी कठिनाई होती है तो उस देश की किसी एक … Read more

रचनात्मक राजनीति के प्ररेणा स्रोत : स्व. रामनिवास मिर्धा

आज के दौर में जबकि हम ऐसे दौर में जी रहे हैं, जिसमें राजनीति भ्रष्टाचार, स्वार्थपरता व पदलोलुपता के कारण बदनाम हो चली है, ऐसे में सहसा पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्वर्गीय श्री रामनिवास मिर्धा का नाम जेहन उभर आता है, जिनका पूरा जीवन सिद्धांतों के लिए समर्पित रहा। वे राजनीति में ईमानदारी और सकारात्मक व … Read more

error: Content is protected !!