मुसलमानों का वोट प्रतिशत बढ़ा गए मोदी

n modi 1आम तौर पर चुनाव में सुस्त रहने वाला मुसलमान मतदाता इस बार जब बढ़-चढ़ कर मतदान केन्द्र पर पहुंचा तो यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि ऐसा कैसे हो गया?
असल में कांग्रेस प्रत्याशियों को हर चुनाव में दिक्कत ये आती है कि मुस्लिम चुनाव में कोई खास रुचि नहीं लेते। इस कारण उन्हें जो लाभ मिलना चाहिए, वह मिल नहीं पाता। रही सही कसर एक-दो निर्दलीय मुस्लिम प्रत्याशी पूरी कर देते हैं। इस बार चुनाव प्रचार के आखिरी दौर में भाजपा ने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की अजमेर में सभा करवायी तो यह सोच कर कि यहां भी मोदी की लहर काम कर जाए। तगड़ी भीड़ की वजह से यह पक्का माना जा रहा है कि उसका लाभ भाजपा प्रत्याशियों को होगा ही। यह लाभ आंकड़ों में कितना होता है यह तो पता नहीं, मगर इतना जरूर हुआ कि प्रतिक्रिया में मुस्लिम भी लामबंद हो गया। कोई माने या न माने मगर यह तय है कि मुस्लिमों के मतदान प्रतिशत में जो उछाल आया है, उसकी एक बड़ी वजह मोदी की सभा ही है।
मतदान के आंकड़ों की जुबानी कहती है कि मुस्लिम बहुल अंदरकोट, खादिम मोहल्ला, तारागढ़ आदि में अस्सी फीसदी के आसपास मतदान हुआ है। इसके अतिरिक्त लौंगिया मोहल्ला, देहलीगेट, घोसी मोहल्ला आदि क्षेत्रों में भी मुस्लिम मतदाता हैं। वहां भी मतदान प्रतिशत में इजाफा हुआ है। मुस्लिमों का यह रुझान पहली बार दिखाई दिया है। स्वाभाविक रूप से इसका लाभ कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. श्रीगोपाल बाहेती को होगा।

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