यानि कि भाजपा से हुई थी आप के सोमानी की डील

अजय सोमानी
अजय सोमानी

अजमेर संसदीय क्षेत्र में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी अजय सोमानी ने किससे डील करके मैदान से हटने निर्णय किया, इसका खुलासा हो पाता, उससे पहले ही भाजपा के वरिष्ठ नेता व नगर सुधार न्यास के पूर्व सदर धर्मेश जैन ने खुद खुलासा कर दिया कि उन्होंने ही सोमानी को समझाया था कि मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए भाजपा को समर्थन दें। इससे यह साफ हो गया है कि सोमानी भाजपा नेताओं के दबाव में थे। डील में क्या हुआ, कितने में हुई, आगे क्या फायदा देना तय हुआ, ये तो पता नहीं, मगर समझा जा सकता है कि इस आर्थिक युग में भला कौन केवल समझाइश से मान जाता है। जो कुछ भी हो जैन ने अंदर की बात का खुलासा करके सोमानी को मैदान से हटवाने का श्रेय तो ले लिया है। अब ये पता नहीं कि मुंह पर स्याही पुतवाने की एवज में जैन ने उनको भाजपा प्रत्याशी प्रो. सांवरलाल जाट से कुछ दिलवाने का तय करवाया है या नहीं।
इसी सिलसिले में एक कानाफूसी पर भी जरा गौर करें। वो ये कि जिस आखिरी बैठक में सोमानी ने मैदान से हटने का निर्णय सुनाया, उसमें कहा बताया कि चूंकि वे खुद तो जीत नहीं पाएंगे, इस कारण बेहतर ये है कि वे हट जाएं ओर मोदी को रोकने के लिए कांगे्रेस का समर्थन करें। इस पर बैठक में मौजूद कार्यकर्ता भड़क गए थे।
अब बात करें ये कि क्या वाकई सोमानी के हटने से भाजपा को लाभ होगा? कुछ लोग मानते हैं कि माहेश्वरी समाज में उनका अच्छा नेटवर्क है, मगर वे इतने बड़े नेता भी नहीं कि उनके कहने से माहेश्वरी समाज के लोग वोट डालने के बारे में निर्णय करने जा रहे थे या अब करेंगे। सच तो ये है कि उन्हें आप के कार्यकर्ता ही ठीक से नहीं जानते। उलटा कार्यकर्ताओं को एक बड़ा गुट उनके खिलाफ था। सोमानी से मैदान से हटने का एक कारण ये भी था। वे नामांकन भरने वाले दिन से ही कुछ निराश से थे। वे मैदान से हट न जाएं, इस बात की आशंका कार्यकर्ताओं को पहले से ही हो गई थी। समझा जा सकता है कि वरना पहले से स्याही का इंतजाम कैसे हो गया?
हां, इतना जरूर है कि बैलेट पर चूंकि अब आम आदमी पार्टी का सिंबल नहीं होगा, इस कारण जो कांग्रेस विरोधी वोट पहले सोमानी को मिलने की संभावना थी, वह अब भाजपा की ओर जा सकता है। मगर इसमें सोमानी का कोई लेना-देना नहीं होगा। एक बात और। सोमानी के हटने के बाद कार्यकर्ताओं में निराशा और किंकर्तव्यविमूढ़ है कि अब वह क्या करे? संभव है पार्टी की ओर से निर्देश आएं कि वे नोटा का बटन दबाने की अपील करें।
-तेजवानी गिरधर

1 thought on “यानि कि भाजपा से हुई थी आप के सोमानी की डील”

  1. It is very disappointing that our
    respected sir (Mr. Ajay Somani)
    withdraws from the election just due
    to the non-cooperation of some
    person such as Kirti Pathak (Founder
    of AAP, Ajmer) Mr. Kheera (Election
    Agent) and the state and central
    cell of Aam Aadmi Party.

    Ms. Kiran Shekhawat is working just
    like a drama person, the person who
    is not participating in campaign and
    in meeting demanding a vehicle and
    on rejection of the demand started
    opposing Ajay Sir. What do u want
    to show by throwing ink on him, it
    will just make ur impression poor.

    We are proud of sir that at the
    right time he took right decision to
    not to go with these drama persons.

    We like to salute his thinking of
    giving personal reasons and not
    defaming the party just because of
    some persons having poor thinking.
    We were with him, we are and we
    will be with him.

    Regards,
    Nitin Dudani

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