दूसरे दिन भी पुष्कर मेले से दूर रही कलेक्टर

भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने चुप्पी साधी
arushi a malikअजमेर, (एस.पी. मित्तल): एक ओर जहां अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुष्कर मेला परवान पर है और हजारों देशी-विदेशी पर्यटक पुष्कर में मौजूद है, वहीं मंगलवार लगातार दूसरा दिन रहा, जब जिला कलेक्टर डॉ. आरुषि मलिक ने मेले से दूरी बनाए रखी।
पुष्कर मेले के अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप को देखते हुए जिला कलेक्टर की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है। कलेक्टर के दिशा-निर्देशों पर ही पूरे मेले का आयोजन होता है। चूंकि मेले में बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी आते हैं, इसलिए सुरक्षा के इंतजाम भी बहुत ही प्रभावी होते हैं। पुष्कर को तीर्थों का गुरु कहा जाता है, इसलिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी मेले में शामिल होते हैं। पशुपालक भी प्रदेश भर से खरीद-फरोख्त के लिए आते हैं, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से कलेक्टर मलिक ने दो दिनों से मेले से दूरी बना रखी है। सोमवार को कलेक्टर नसीराबादा और केकड़ी के दौरे पर चली गई और मंगलवार को अजमेर शहर में ही मोहर्रम के कार्यक्रम में व्यस्त रही। कलेक्टर मंगलवार की शाम तक भी मेले के किसी भी आयोजन में नजर नहीं आई, जबकि मेले की शुरुआत के समय कलेक्टर ने पुष्कर में जबरदस्त सक्रियता दिखाई थी, यहां तक कि मेला मैदान पर होने वाले विभिन्न मनोरंजक कार्यक्रमों में भी कलेक्टर उपस्थित रही। रेतीले भू-भागों में धूम-घूम कर कलेक्टर ने मेले के आयोजनों को देखा। इतना ही नहीं जयपुर और अजमेर नगर निगम से सफाई कार्य के लिए मदद भी ली। इतनी सक्रियता के बाद दो दिनों से कलेक्टर का पुष्कर नहीं आना राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्रों में चर्चा का विषय बना हुआ है। माना जा रहा है कि पुष्कर के भाजपा विधायक सुरेश रावत के साथ जो मामूली विवाद हुआ। उसके कारण ही कलेक्टर ने मेले का आयोजन से दूरी बनाई है। कलेक्टर की नाराजगी के चलते विधायक रावत ने भी आत्मसमर्पण कर दिया है। विधायक अब सफाई दे रहे हैं कि कलेक्टर से उनका कोई विवाद नहीं है। भाजपा के अन्य जनप्रतिनिधि भी कलेक्टर की गैर मौजूदगी पर चुप्पी साधे हुए हैं।
मुख्य अतिथि भी तय नहीं
पुष्कर मेले का समापन गुरुवार को कार्तिक पूर्णिमा के स्नान के साथ होगा। मेला मैदान पर भव्य समापन समारोह आयोजित होते हैं। समारोह में केन्द्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री आदि मुख्य अतिथि बनते रहे हैं, लेकिन इस बार पुष्कर नगर पालिका के चुनाव की वजह से आचार संहिता लागू है, इसलिए किसी राजनेता को मुख्य अतिथि नहीं बनाया जाएगा। लेकिन कोई वरिष्ठ अधिकारी समापन समारोह का मुख्य अतिथि बन सकता है। मंगलवार तक भी मुख्य अतिथि का नाम तय नहीं हुआ है। मंगलवार को स्वायत्त शासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव मंजीत सिंह ने भी मेला क्षेत्र का दौरान किया, लेकिन कलेक्टर की गैर मौजूदगी मंजीत सिंह को भी खलती रही। समापन समारोह के मुख्य अतिथि संभागीय आयुक्त धर्मेन्द्र भटनागर हो सकते हैं, लेकिन जिला प्रशासन ने भटनागर के नाम पर अभी तक भी अंतिम निर्णय नहीं लिया है।

एस.पी.मित्तल
एस.पी.मित्तल

मेला मजिस्ट्रेट और उपखंड अधिकारी संजय माथुर ने बताया कि मुख्य अतिथि का निर्णय कलेक्टर डॉ. मलिक ही करेंगी। उन्होंने कहा कि जिले के अन्य कार्यक्रमों में व्यस्त होने के कारण कलेक्टर मलिक पुष्कर नहीं आ पा रही है। लेकिन कलेक्टर की निगरानी मेले पर बनी हुई है। कलेक्टर के निर्देश पर ही देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए इंतजाम किए गए हैं।
सचिव की बैठक में भी रही नदारद
स्वायत्त शासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव मंजीत सिंह ने मंगलवार को सर्किट हाउस में नगर निगम और अजमेर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की जब बैठक ली। लेकिन इस बैठक में से कलेक्टर डॉ. मलिक शामिल नहीं हुई।
मंजीत सिंह जिस समय सर्किट हाउस में बैठक ले रहे थे उसी समय डॉ. महिलक कलेक्ट्रेट के अपने सरकारी कक्ष में आवश्यक कामकाज निपटा रही थी। आमतौर पर प्रमुख शासन सचिव जैसे वरिष्ठ अधिकारी जब प्रशासनिक बैठक लेते हैं तो कलेक्टर भी उपस्थित रहते हैं। इस बैठक के बाद मंजीत सिंह पुष्कर चले गए। सिंह ने पुष्कर में चल रहे मेले के इंतजामों का भी जायजा लिया। लेकिन इस अवसर पर भी कलेक्टर साथ नहीं थीं।

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