भारतीय आर्गनिक मिलिंग का अफ्रीका में परचम लहराया

DSC07197DSC07145_2एडीस अबाबा यूर्निवसिटी, मिनिस्ट्ररी आफ इथोपिया एग्रीकल्चर एंव पेरान्टेज गु्रप के संयुक्त तत्वाधान मे महासम्मेलन का आयोजन दिनंाक 29 अक्टूबर 2014 से 31अक्टूबर 2014 तक इथोपिया की राजधानी एडीस अबाबा  के अफ्रीका यूनियन हेतू हेडक्वाटर  में  किया गया जिसके अर्न्तगत कई देषों के पालिसी मेकर मिनिस्ट्रर, व सचिवों एंव देष की जानी मानी कम्पनियांे के प्रतिनिधियों ने भाग लिया ।
भारतवर्ष के लिये यह बडे ही हर्ष एंव गौरव  का विषय है कि देश की जानी मानी आटा चक्की व पत्थर निर्माता कम्पनी श्री विष्वकर्मा (एमरी स्टोन्स) इंड. प्रा.लिमिटेड के एक्जूकेटिव डायरेक्टर श्री आर.एस.चोयल ने इस महासम्मेलन में न केवल भाग लिया अपितु इस महासम्मेलन में आर्कनिक मिलिंग विषय पर अपने प्रेजनटेषन व्यक्त किये उन्होने बताया कि इथोपिया के महामहिम राष्ट्रपति  प्रेसीडेेंट डा. मूलाटू , एम्बेडसर अॅाफ टर्की श्री ओसमन रियाज, डायेरक्टर अॅाफ एडीस अबाब यूर्निवसिटी प्रोफेसर यंग कु किम, जनरल डायरेक्टर श्री पेरान्टेज ग्रुप की जुबेदा कवराज ने कार्यक्रम का शुभारम्म किया गया इस महासम्मेलन में अफ्रीका महाद्वीप  के करीब 54 देषों के प्रतिनिधियों नेे अपने अपने देष का प्रतिनिधित्व किया ।
श्री चोयल ने अपने विषय ‘‘आर्गनिक मिलिंग’’ एंव नई तकनीकी डिजीटल फलोर मिलिंग के बारे में विस्तार से बताया साथ ही श्री विष्वकर्मा द्वारा निर्मित प्रथम डिजीटल आटा चक्क्ी ‘‘ वंडर मिल एंव स्टोन डेªेसिंग का परिचय करवाया श्री चोयल ने बताया कि किस प्रकार वंडर मिल नई तकनीक द्वारा  निर्मित है इसकी उत्पादन क्षमता अन्य साधारण चक्क्ी से डेढ गुना है एंव संचालन प्रक्रिया भी  सरल है इसके साथ  कम्पनी द्वारा निर्मित प्रथम आटा प्लांट जो कि पंतजलि आयुर्वेद लिमिटेड में स्थापित किया  गया है के बारे में बताया कि कम्पनी इस प्रकार के कई पूर्ण स्वचालित डिजीटल आटा प्लांट का निर्माण  अब तक काफी संख्या में देष एंव विदेषों मे कर चुकी है उन्होने बताया कि इस प्रकार के छोटे प्लंाट का   निर्माण कर देष अपने युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवा कर देष की बेराजगारी को कम किया  जा सकता है देष को आर्थिक रुप से सक्षम किया जा सकता है इस प्रकार इस क्षेत्र में सब्सिडी आदि देकर किसान वर्ग, युवा वर्ग आदि को लाभ पहुंचाया जा सकता है साथ ही उनको विष्व की नई तकनीको से भी अवगत किया जा सकता है।
इसके साथ ही उन्होने अपने चोयल स्कूल आफ मिलिग टेक्नालॉजी के बारे में बताया किस प्रकार यह स्कूल ग्रामीण परिवेष के विद्यार्थीयों को न केवल षिक्षा व स्वरोजगार एंव रोजगार उपलब्ध करवा रहा है ।
श्री चोयल के द्वारा प्रस्तुत विचारों को  अन्य देषों से पधारे प्रतिनिधियों ने न केवल सराहा बल्कि अपने देषो में आने का आंमत्रण  भी दिया ।
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