बागियों के तीखे तेवर, निर्दलीय ही बनाएंगे अपनी सरकार?

01-हेमन्त साहू- ब्यावर। आगामी 22 नवम्बर को होने वाले निकाय चुनावों में भाजपा-कांगे्रस से टिकट नही मिलने पर बागी के रूप में चुनाव लडने वाले निर्दलीय प्रत्याश्यिों का बगावती गुब्बार पूरी तरह फूटकर सामने आ रहा है। आज उपखण्ड अधिकारी एवं चुनाव रिटर्निंग ऑफिसर भगवती प्रसाद कलाल द्वारा निर्दलीय प्रत्याशियों को चुनाव चिन्हों का आवंटन किया गया। वार्ड नं. 29 से कांगे्रस के निर्दलीय बागी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लडने वाले दलपतराज मेवाडा ने बताया कि कांगे्रस ने जिस तरह से पैसे लेकर अपने चहेतों व बाहरी लोगों को टिकटों का वितरण किया, उसका यह कार्य उसे गर्त में डाल देगा। कांगे्रस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट का युवाओं को राजनीति में आगे लाने वाला नारा अब खोखला साबित हो चुका है। वहीं भाजपा से बागवत कर वार्ड नं. 26 से निर्दलीय के रूप में चुनाव लडने वाले ज्ञानदेव झंवर व प्रदीप झंवर ने भी क्षेत्रीय विधायक शंकरसिंह रावत एवं मण्डल अध्यक्ष चैनसुख हेडा पर पूरी तरह भाई-भतीजावाद वाली नीति पर चलते हुए पैसे लिए और टिकटों का वितरण किया। उन्होंने टिकटों के वितरण में वार्ड व पार्टी के लिए समर्पित कार्यकर्ताओं की पूरी तरह अनदेखी करते हुए ऐसे लोगों को टिकट बांटे जिनका वार्ड में कोई धरातलीय वजूद तक नही है। प्रदीप झंवर ने बताया कि मण्डल अध्यक्ष हेडा ने उन्हीं लोगों को टिकट दिलवाने में मदद की जिन्होंने उनकी गुलामी-सेवा चाकरी की। गुलामी करो और टिकट पाओ जैसे उनकी कार्यशैली बन चुकी हो। दोनों ही झंवर प्रत्याशियों का तो यहाँ तक कहा कि इस बार निर्दलीय ही नगर परिषद में अपनी सरकार बनायेंगे। भाजपा बागी प्रत्याशियों द्वारा टिकटों के पैसे के लेन-देने वाले मामले पर मण्डल अध्यक्ष चैनसुख हैडा ने सफाई देते हुए कहा कि धन लेकर टिकट वितरण वाली बागी प्रत्याशियों की सभी आरोप निराधार है। हमने केवल साफ छवि व समर्पित कार्यकर्ता को ही टिकट दिया है। वहीं वार्ड नं. 15 कांग्रेस के अन्य बागी ताराचंद मेवाडा का कहना है कि पार्टी ने उन्हें टिकट के लिए पूरी तरह आश्वत कर दिया था। लेकिन पार्टी से उन्हें निराशा ही हाथ लगी। मेवाडा ने कहा कि जिस कांगे्रस के लिए समर्पित कार्यकर्ता के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने कांगे्रस के एक कार्यक्रम के दौरान अपना एक हाथ कटा दिया, उसी कांगे्रस ने उनके साथ धोखा किया। उनका कहना है कि निकाय चुनावों में इस बार भाई-भतीजावाद व अपने चहेतों को टिकट वितरण का जो खेल शहर ब्लॉक अध्यक्ष डॉ. एससी जैन, उनके पुत्र प्रवीण एवं पर्यवेक्षक दिनेश शर्मा ने मिलकर पर्दे के पीछे से खेला है,  उसके लिए कांगे्रस को इन चुनावों में भारी कीमत चुकानी पडेगी। ब्लॉक अध्यक्ष डॉ. को राजनीति से रिटायमेंट लेकर घर पर अब आराम करना चाहिए। उनकी उम्र अब राजनीति करने की नही रही। कुल मिलाकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं व कांग्रेसी बागियों का ब्लॉक अध्यक्ष डॉ. की टिकट वितरण कार्यशैली पर पूरी तरह आग-बबूला हो उठे है। कांगे्रस के सभी बागी प्रत्याशियों द्वारा शहर ब्लॉक अध्यक्ष डॉ. एससी जैन पर पूर्व पार्षदों द्वारा धन लेकर टिकट बंटवारे वाले मामले को लेकर उन्होंने बताया कि टिकट हाईकमान देता है। हमने समर्पित व साफ-सुथरी छवि वाले प्रत्याशी को ही टिकट दिया। जहाँ तक धन लेकर टिकट बंटवारे की बात है तो कांगे्रस में कभी टिकटों की खरीद-फरोख्त नही होती। हमने दस वर्षों में जिस चीज की कमाई की है वह है- ईमानदारी की कमाई। जिन पार्षद को इस बार पार्टी ने रिपीट नही किया है,उसका मुख्य कारण जनता व हाईकमान को उनके द्वारा किये गये कार्य पसंद नही आना रहा है। जिसकी वजह से उनका टिकट काटा गया। वहीं निकाय चुनाव में इस बार भ्रष्टाचार के खिलाफ तीसरे मोर्चे के रूप में भारतीय कम्यूनिष्ट पाटी,माकर््सवादी पार्टी एवं आम आदमी पार्टी ने अपने प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारे हैं। ये वे प्रत्याशी है जो भाजपा-कांगे्रस की कार्यशैली से असंतुष्ट होकर इस मोर्चे के बैनर तले चुनाव लड रहे हैं।

हेमन्त साहू
हेमन्त साहू

तीसरे मोर्चे के प्रवक्ता गुलाबचंद शर्मा ने कहा कि हमने नगर परिषद में भ्रष्टाचार की गंदगी को दूर करने व शहर में एक स्वच्छ प्रशासन के लिए तीसरे मोर्चो के रूप में प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं। वही  पुर्व विधायक देवी शंकर भुतडा समर्थक पार्षद व कार्यकर्ता कई वार्डो मे भाजपा की जीत मे फच्चर फंसाने के लिए चुनावी मैदान मे एलान-ए- जंग मे उतर कर भाजपा को अपनी असली ताकत दिखाने के मुड मे रणनिती करते हुए नजर आ रहे है।

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