भाजपा की मुख्यधारा में लौटे सकते निलंबित पूर्व विधायक !

11070774_724285604355336_8626725185232900259_n-सुमित सारस्वत- ब्यावर में सोमवार को मसूदा रोड पर एक गैर आयोजन के बाद सियासत फिर गर्मा गई है। आयोजन के चंद घंटों बाद एक तस्वीर सोशियल मीडिया पर वायरल हो गई। इसमें भाजपा मंडल अध्यक्ष मुरली तिलोकानी पार्टी से निलंबित पूर्व विधायक देवीशंकर भूतड़ा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े दिखाई दे रहे हैं। पास ही महिला मोर्चा अध्यक्ष प्रीति शर्मा, पार्षद शशिबाला सोलंकी, ज्ञानदेव झंवर के साथ कई पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी खड़े हैं।
तस्वीर को भूतड़ा ने अपनी फेसबुक आईडी पर भी अपलोड किया है। इस तस्वीर को लेकर सियासी गलियारों और सोशियल मीडिया पर चर्चा होने लगी कि मंडल अध्यक्ष और पूर्व विधायक में नजदीकियां बढ़ रही है। भूतड़ा जल्द ही पार्टी की मुख्यधारा में पुन: लौट सकते हैं। हालांकि मंडल अध्यक्ष तिलोकानी इससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं। उनका कहना है कि मैं पार्टी का एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं। किसी को पार्टी में शामिल करना या निकालना प्रदेश स्तरीय निर्णय होता है। भूतड़ा पार्टी की मुख्यधारा में फिर से जुड़ेंगे या नहीं, यह प्रदेश स्तर पर तय होगा।
तिलोकानी का कहना है कि राजनीति में कोई किसी का शत्रु नहीं होता। सार्वजनिक कार्यक्रम में हमारी मुलाकात हुई तो अभिवादन करना नैतिकता है। अगर मैं देवीशंकरजी के किसी कार्यक्रम में गया होता तो चर्चा होना स्वाभाविक है। किसी सामाजिक कार्यक्रम में कांग्रेस के नेता को बुलाया होता तो भी शायद सभी अतिथि इसी तरह साथ खड़े होते। तिलोकानी ने बेहद सधे हुए शब्दों में पार्टी के निलंबन निर्णय को स्वीकार करते हुए सम्मान दिया और यह कहकर बात समाप्त कर दी कि हर समर्पित कार्यकर्ता को सम्मान देना मेरा पहला कत्र्तव्य है।
जगजाहिर है कि संघ के संस्कारों में रहकर सियासत करने वाले तिलोकानी नए-नए अध्यक्ष बने हैं और इन दिनों उनकी नैया मझधार में फंसी है। सबको साथ लेकर चलने की भावना मन में रखने वाले तिलोकानी तकरार कर किसी विवाद में नहीं फंसना चाहते हैं। ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि ‘कबीरा खड़ा बाजार में मांगे सबकी खैर, ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर’। संभवत: उनकी भावना है, ‘ना किसी से ईष्र्या, ना किसी से दौड़, मेरी अपनी मंजिलें, मेरी अपनी दौड़’।
(सारस्वत मीडिया…सबसे पहले, सबसे तेज)

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