पिछले कुछ दिनों से पुष्कर में चर्चा का विषय बना हुआ हें।सब लोग घुमा फिरा कर एक बात कहने में लगे हे की पालिकाध्यश,विधायक और ईओ साहब मुम्बई गए हे।मुझे ये समझ में नही आ रहा हे की क्या अब किसी को घूमने जाने के लिए भी जनता की स्वीक्रति लेना जरुरी हे।ये उनका निजी मामला हे और निजी यात्रा हे यदि किसी को लगता हे की पालिका के रुपयो से घूमने गए ।जाँच करवाये सब साफ हो जायेगा।लेकिन इस बात को मुदा न बनाये जनता की बहुत समस्याए हे उन पर चर्चा करे।
मित्रों जहाँ तक मुझे पता हे पूर्व प्रधानमंत्री जी,काग्रेस के बड़े नेता,और कई लोग वर्ष में एक बार घूमने जाते हे तो क्या वो गलत हे।अजमेर के कई ऎसे चिकित्सक हे जो की पुरे जिले में उनके क्षेत्र के एक मात्र विष्यषज्ञ हे उनके जाने से कई रोगी परेशान होते लेकिन वो घूमने जाते हे। स्वय विचार करे?
और एक महत्वपूर्ण बात और जी ,होली,दीपावली,गणतंत्र दिवस ,स्वतंत्रा दिवस और कई दिन दैनिक समाचार पत्रो का अवकाश रहता हे क्यों जी।उस दौरान चाहे कोई मरे या कोई बड़ी घटना हो समाचार पत्र नहीं आता हे कारण उनका निजी मामला जी। ठीक उसी प्रकार ऎसे मुद्दों पर चर्चा ना कर हम कुछ अच्छा सोचे क्योकि हमाम में सब नंगे होते हे।
नंद किशोर बाकोलिया
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