धन्य भाग्य हमारे जो राष्ट्रपति जी पुष्कर पधारे

*सड़को की हुई मरम्मत , घाटों की हुई सफाई , कुंडों में भरा जल , गंदगी के ढेर हुए गायब , आवारा जानवरो से मिली निजात , नजर आने लगा विकास ••••*

राकेश भट्ट
आज 14 मई सोमवार की सुबह 11 बजे भारत के महामहिम राष्ट्रपति महोदय श्री रामनाथ कोविंद जी अपनी एक दिन की धार्मिक यात्रा पर तीर्थ नगरी पुष्कर और ख्वाजा की बारगाह में हाजिरी लगाने के लिए आ रहे है । लेकिन राष्ट्रपति रामनाथ जी की यात्रा से पहले ही तीर्थ नगरी में मानो रामराज्य आ गया है । जो काम कई सालों से लंबित पड़े थे या यूं कहें जिन छोटी मोटी परेशानियों से आम नागरिकों का हर रोज जीना मुहाल हो रखा था वो सभी दिक्कते केवल राष्ट्रपति जी के आने की खबर मात्र से ही दूर हो गई ।
हर सरकारी विभाग चाहे वो नगर पालिका हो या सार्वजनिक निर्माण विभाग , चाहे जलदाय विभाग हो या विद्युत विभाग , हर कोई ऐसे एक्टिव जो गए जैसे किसी ने चाबी भर दी हो चलाने के लिए । जिन सड़को के गड्ढे कई कई महीनों से नही भरे थे उन पर रातो रात पेचवर्क हो गया । टूटी हुई कई सड़के नई बन गई । सड़को के किनारे जमी मिट्टी ऐसे गायब हुई जैसे कभी थी ही नही । शहर के बाजार सहित परिक्रमा मार्ग और घाटों में नजर आने वाली गंदगी भी छू मंतर हो गई । महज चार दिनों पहले तक सरोवर के जिन कुंडों का पानी के बिना हाल बेहाल था और उनमें गंदगी जमा थी वो अचानक साफ होकर पानी से लबालब नजर आने लग गए । घाटों की सीढ़ियों के टूटे पत्थर जादुई रूप से ठीक हो गए ।
हद तो तब हो गई जब पुष्कर की सबसे दूषित जगह ( पुरणखण्ड ) के चारो तरफ भी बाकायदा टेंट की कनात लगाकर टाट पर पैबंद लगा दिया गया । जो आवारा जानवर आये दिन शहर के मुख्य बाजारों , घाटों , गली मोहल्लों में उत्पात मचाकर आम लोगो को घायल करते थे उन्हें भी रातो रात काबू में कर लिया गया । रोड डिवाइडरों पर कलर करना हो या यहां के लोगो को हो रही पानी की किल्लत , सभी समस्याओं का पालक झपकते ही निदान हो गया ।
बड़ा सवाल यह है कि आखिर अचानक से चारो तरफ विकास कार्यो की गंगा राष्ट्रपति जी के आने पर ही क्यों नजर आई । यह सब तब संभव क्यों नही हुआ जब बेचारे आम नागरिक ना जाने कितने लंबे समय से हर रोज होने वाली इन समस्याये से जूझ रहे थे । दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश कहलाने वाले भारत मे जनता को आम तौर पर लोकतंत्र को ही सर्वोपरि बताया जाता है । तो यब सब काम उसी जनता को राहत पहुंचाने के लिए अभी तक क्यों नही किये गए । लेकिन यह सब बातें केवल कहने सुनने और नेताओ के भाषण देने में ही अच्छी लगती है दोस्तों । इसीलिए वोट लेने तक तो नेताओ को जनता याद रहती है बाद में जनता जाओ भाड़ में , उससे किसी को कोई वास्ता नही रहता । वास्ता तो केवल तभी होता है जब श्री रामनाथ कोविंद जैसे महामहिम का आना होता है ।
वाकई अचानक से यहां पर रामराज्य आ जाने जैसा अहसास करवाने वाले इस मामले में तो पुष्कर की समस्त जनता की तरफ से राष्ट्रपति जी का सार्वजनिक रूप से नागरिक अभिनंदन किया जाना चाहिए और सभी को एक स्वर में यही गीत दोहराना चाहिए कि •••••
*धन्य भाग हमारे तो राष्ट्रपति जी आप पुष्कर पधारे ••••*

*राकेश भट्ट*
*प्रधान संपादक*
*पॉवर ऑफ नेशन*
*मो 9828171960*

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