क्रिकेट सट्टे की लत से शहर के कई युवा बर्बादी के कगार पर

रोजाना लाखों का होता है सट्टा, करीब आधा दर्जन बुकी सक्रिय
तिलक माथुर / केकड़ी_अजमेर/
आईपीएल हो और कोई क्रिकेट टूर्नामेंट शुरू हो जाते ही शुरू हो जाता है सट्टा। अब यह बीमारी छोटे शहरों में भी फैल गई जिसकी वजह से युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। क्रिकेट पर सट्टा आजकल युवाओं की खास पसन्द बनता जा रहा है। कोई इसके जरिये लाखों रुपये कमाना चाहते हैं तो कई रोज के हाथ खर्च के लिए खेलते हैं। मगर हमने देखा है की सट्टे में न तो खिलाने वाला खुश देखा गया और न ही खेलने वाला। सट्टे की बीमारी फैलते फैलते हमारे शहर में भी अपनी जड़ें जमा चुकी है। शहर के सैंकड़ों युवक इसके शिकार हो चुके हैं वहीं यह बीमारी युवाओं को जकड़ती जा रही है। वहीं सट्टे की इस बीमारी में स्कूल के छात्र भी अपनी किस्मत आजमाने लगे हैं। सट्टे की लत का परिणाम हम कई बार देख चुके हैं लेकिन फिर भी सुधरने का प्रयास नहीं करते। शहर के सैकड़ों युवक इस बीमारी का शिकार होकर लाखों रुपये बर्बाद कर चुके हैं। सट्टे की लत की वजह से तो कईयों की जान खतरे में पड़ चुकी है। इस ओर न तो युवाओं के परिजन सतर्क हैं और न ही पुलिस प्रशासन इसे रोकने के कोई प्रयास कर रहा है।

तिलक माथुर
सूत्रों के अनुसार शहर में करीब आधा दर्जन सट्टा खिलाने वाले सटोरिये जिन्हें क्रिकेट पर सट्टे की दुनियां में *बुकी* कहा जाता है। ये अपने घरों या सुरक्षित स्थानों से नेट पर ऑनलाइन सट्टा खिलाते हैं। उल्लेखनीय है कि बहुत कम लोगों को पता है कि क्रिकेट मैच में दरअसल दो तरह से सट्‌टा लगाया जाता है। एक सट्‌टा तो क्रिकेट में हार या जीत पर लगता है, जबकि दूसरा सट्‌टा मैच में बनने वाला स्कोर पर, चुनिंदा ओवर में कितने रन होंगे या मैच के किसी सेशन में कितने रन होंगे, इन पर लगाया जाता है। खास बात यह है कि यह पूरा नेटवर्क आधुनिक संचार प्रणाली लेपटॉप, मोबाइल, वाइस रिकार्डर आदि पर ही चल रहा है। सावधानी इतनी बरती जाती है कि एक बार कोई मोबाइल नंबर यूज हो गया तो उसे दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाता। खैर जो भी हो इस बीमारी की जकड़ से युवाओं को मुक्त कराना होगा इसके लिए परिजनों की बच्चों पर नजर, सामाजिक संगठनों का दखल, पुलिस द्वारा सख्त कार्यवाही जरूरी है। अन्यथा यह फैलती बीमारी कई परिवारों को बर्बाद कर देगी।
*9251022331*

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