नगरपालिका द्वारा गत दिनों आयोजित तेजा मेले के अवसर पर कवि सम्मेलन के दौरान पालिकाध्यक्ष अनिल मित्तल द्वारा उनकी पत्नि इंदु मित्तल का जन्मदिन सार्वजनिक तौर पर मनाना इन दिनों फिर से सुर्खियों में आ गया है। कल पालिका बोर्ड की बैठक में कांग्रेस पार्षदों द्वारा यह मुद्दा उठाते हुए पालिकाध्यक्ष पर उनकी पत्नि के जन्मदिन पर सरकारी रुपयों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया। बोर्ड बैठक की कार्यवाही की खबर आज के सभी अखबारों में प्रकाशित हुई जिससे यह मुद्दा सुर्खियों में आ गया जिसकी आज दिन भर जोरदार चर्चा रही। हालांकि इस कार्यक्रम को हुए 15 दिन से ज्यादा हो गए। पालिकाध्यक्ष द्वारा उनकी पत्नि का जन्मदिन सार्वजनिक रूप से मनाने की खबर पहले किसी समाचार पत्र में प्रकाशित नहीं हुई, ये तो विपक्ष के पार्षदों द्वारा बैठक में मुद्दा उठाने व जन्मदिन पर फिजूलखर्ची का आरोप लगाने के बाद आज प्रकाशित हुई है। इससे पहले शहर के कई लोगों को कवि सम्मेलन के दौरान इंदु मित्तल का जन्मदिन मनाने की जानकारी नहीं थी। जब समाचार पत्रों के माध्यम से लोगों को जानकारी मिली तो सर्वत्र इसकी चर्चा होने लगी। लोग चर्चा करते हुए तरह-तरह की प्रतिक्रिया देने से बाज नहीं आये। कोई यह कहते हुए सुना गया कि कहीं इसके पीछे पालिकाध्यक्ष मित्तल की कोई राजनैतिक महत्वाकांक्षा तो नहीं, लोग ये कहते हुए दिखाई दिए कि पालिकाध्यक्ष उनकी पत्नि को विधानसभा चुनाव के लिए विकल्प के रूप में तो कहीं प्रोजेक्ट नहीं कर रहे। वहीं कई लोग इस कृत्य की निंदा करते हुए आमजन की गाढ़ी कमाई को फिजूल खर्च कर पालिकाध्यक्ष पर मनमानी का आरोप लगाते देखे गए। हां यह भी सुनने में आया कि जिस दिन पालिकाध्यक्ष ने उनकी पत्नि का जन्मदिन कविसम्मेलन के दौरान मनाया उस दिन देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्मदिन भी था जिन्हें याद तक नहीं किया गया उनका जन्मदिन मनाना तो दूर की बात है। वैसे भी पिछले कई महीनों से पालिकाध्यक्ष मित्तल अपनी मनमानी की वजह से चर्चा का विषय बने हुए हैं, हो सकता है शायद वे सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं। गत दिनों वे अपनी जयपुर रोड़ स्थित फैक्ट्री के बाहर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर पक्का निर्माण करने व राजपुरा रोड़ पर स्थित अपने निजी फार्म हाउस के बाहर नगर पालिका के सरकारी धन से डेढ़ करोड़ की लागत से सीसी सड़क बनवाने, भव्य द्वार बनवाने तथा हाईमास्क लाइट व आधुनिक रोड़ लाईटें लगवाने और अजमेर-जयपुर बाईपास पर बेशकीमती सरकारी जमीन को अपने चहेतों को कोड़ियों के भाव बेचने की वजह से कई दिनों तक चर्चा में रहे थे। ज्ञात रहे ये सभी परिवाद भ्रष्टाचार निरोधक विभाग में दर्ज किए जा चुके हैं जिनकी उच्चस्तरीय जांच की जा रही है। सूत्रों के अनुसार अगर वे जांच में दोषी पाए जाते हैं तो उनकी कुर्सी पर खतरा तो है ही यह रुपया उनसे वसूला जा सकता है ऊपर से कानूनी कार्यवाही होगी वो अलग। ऐसी स्थिति में भी वे विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए भाजपा से दावेदारी कर रहे हैं। हालांकि वे खुद अपने मुंह से दावेदारी की बात को निराधार बताते हैं लेकिन उनके मित्र व चंद समर्थक ठोक बजाकर उनकी दावेदारी के चर्चे करते देखे जा सकते हैं। इसी दौरान एक और बात सामने आई है कि वे गत दिनों इसी काम से गुजरात गए थे। सुनने में आया है कि वे टिकट पाने के लिए एक संत व एक व्यापारी मित्र के जरिये भाजपा के आलानेताओं से सम्पर्क साधने के प्रयास कर रहे हैं। अब उन्हें सफलता मिलेगी या नहीं ये तो ईश्वर जाने मगर यह बात पक्की है कि उनके इस कृत्य से वे कई अपनों व आमजन के बीच आंख की किरकिरी बन गए हैं।
तिलक माथुर
*केकड़ी_अजमेर*
*9251022331*