पालिका के विधि सलाहकार ने लगाए अनियमितता व भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोप

प्रतिपक्ष नेता ने उठाई जांच की मांग, पालिकाध्यक्ष से भी मांगा इस्तीफा
केकड़ी नगर पालिका में विधि सलाहकार के रूप में कार्यरत एडवोकेट मोहिंदर जोशी ने पालिका प्रशासन के कार्यों पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए पालिका में हो रहे भ्रष्टाचार व अनियमितताओं को उजागर किया है। विधि सलाहकार मोहिंदर जोशी ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में पालिका प्रशासन पर गम्भीर आरोप लगाकर सबको चोंका दिया है। जब खुद विधि सलाहकार ही आरोप लगा रहा है तो उस पर कैसे विश्वास नहीं किया जाए। एडवोकेट जोशी ने आरोप लगाया है कि अपने चहेते ठेकेदारों को नियमों के विरुद्ध करोड़ों रुपये के निर्माण कार्य देकर पालिका प्रशासन ने पक्षपात किया है। उन्होंने अपनी पोस्ट में आरोप लगाया कि एक बाहर के ठेकेदार को नियमों के विरुद्ध काम देकर एक ओर जहां स्थानीय ठेकेदारों की अनदेखी की गई है वहीं बाहर के ठेकेदारों के कार्यों की गुणवत्ता की जांच के बिना ही भुगतान कर दिये गए। जोशी ने एक कंस्ट्रक्शन फर्म विनायक सेल्स को एक तरफा काम देने का आरोप लगाते हुए कहा कि ठेकेदार को भ्रष्टाचार करने की खुली छूट दे रखी थी यहां तक कि एमबी भी घर बैठकर भरी जाती थी। ज्ञात रहे इस मामले में गत दिनों बोर्ड की बैठक में भाजपा के एक पार्षद ने भी विनायक सेल्स व उसी की एक फर्म को नियमों को ताक में रखकर दिए गए करोड़ों रुपये के निर्माण कार्यों पर उंगली उठाते हुए प्रश्न किया था लेकिन न तो पालिकाध्यक्ष ओर न ही अधिकारी संतोषजनक जवाब दे सके। पार्षद ने कहा था कि पालिका उन्हें इस बारे में सही जानकारी नहीं दे रही है वहीं पार्षद ने सही जानकारी नहीं देने पर धरने पर बैठने की धमकी तक दे डाली थी। खैर पालिका प्रशासन पार्षद को सही जानकारी देगा या नहीं ये तो वे ही जाने मगर हां मामला गम्भीर है इसमें भ्रष्टाचार का अंदेशा है तभी अब तक सही जानकारी नहीं दी गई है। तो हम बात कर रहे थे विधि सलाहकार जोशी द्वारा लगाये गए आरोपों की। एडवोकेट मोहिंदर जोशी ने आरोप लगाया कि पालिका के अधिकांश सफाई कर्मचारी सफाई कर्मचारियों की भर्ती में अनियमितता के आरोप लगाकर जांच की मांग को लेकर पिछले तीन माह से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे है मगर पालिका प्रशासन व पालिकाध्यक्ष ने उनकी समस्या के समाधान की पहल तक नहीं की जिसकी वजह से आज पिछले तीन माह से पूरे शहर में जगह जगह गंदगी व कचरे के ढ़ेर लगे हैं पूरा शहर गंदगी से सरोबार है। जिसकी वजह से नागरिक परेशान हैं। घर घर से कचरा उठाने के लिए खरीदे गए टेम्पुओं कि हवा निकली हुई है। पिछले तीन माह से घरों से कचरा उठाने का कार्य बंद है। नगरवासी नरक जैसी जिंदगी बसर करने को मजबूर हैं। उन्होंने पालिका द्वारा बेची गई दुकानों पर भी उंगली उठाते हुए आरोप लगाया कि इन दुकानों की बिक्री में भी पालिका प्रशासन ने अनियमितता बरतते हुए अपने चहेतों को लाभ पहुंचा कर पालिका को राजस्व की हानि पहुंचाई है। उन्होंने बताया कि नगरपालिका ने दो दुकानें अपने चहेतों को मात्र 3 हजार रुपये प्रति स्क्वायर फिट बेची है जबकि उसके पहले कई दुकानें 6 हजार एक सौ रुपये प्रति स्क्वायर फिट बेची गई। उन्होंने शहर में बंद पड़े सीसी टीवी कैमरों की खरीद से लेकर शहर में 251 कामों को लेकर भी सवाल खड़ा किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पालिका में थोड़े बहुत जो कार्य ठीक हुए हैं वे उनके भय की वजह से हुए हैं क्योंकि वे हमेशा गलत कार्यों का विरोध करते रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे पालिका में विधि सलाहकार पालिकाध्यक्ष की मेहरबानी से नहीं बने तो फिर उनसे डर कैसा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जिस प्रकार भीलवाड़ा व ब्यावर में भ्रष्टाचार के आरोप में सभापति बर्खास्त किये गए उसी प्रकार केकड़ी में भी हो सकता है अब भी समय है सुधार लो अपने आपको। पालिका के विधि सलाहकार द्वारा लगाए गए इन गम्भीर आरोपों के बाद पालिका में प्रतिपक्ष नेता कांग्रेस पार्षद व एडवोकेट निर्मल चौधरी ने मामलों की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। चौधरी का कहना है कि पालिका के विधि सलाहकार द्वारा लगाए गए गम्भीर आरोपों के बाद भी पालिकाध्यक्ष कुर्सी से चिपके हुए हैं उन्हें अपने पद से तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। पार्षद चौधरी पहले भी बोर्ड की बैठक में विभिन्न आरोपों के तहत पालिकाध्यक्ष से इस्तीफा देने की मांग कर चुके हैं।
तिलक माथुर
9251022331

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