*ओम माथुर के चुनाव मैदान में आते ही सुस्त पड़े कार्यकर्ता हुए सक्रिय

भाजपा को उम्मीद राजे व माथुर के बीच अंडरस्टैंडिंग राजस्थान में दिलाएगी जीत

तिलक माथुर
राजस्थान में भाजपा के लिए अच्छे व शुभ संकेत है कि पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बीच अंडरस्टैंडिंग अच्छी बन गई है, दोनों ही जिम्मेदारी से पुनः सरकार बनाने में जुटे हैं, रणनीतिकार ओमप्रकाश माथुर के दखल के बाद से भाजपा में कुछ सम्भावनाएं बनी है वहीं वसुंधरा राजे को एक नई ताकत मिली है ! वहीं इन दोनों के मिलन ने कार्यकर्ताओं में एकजुटता का संदेश देने का प्रयास किया गया है। गत दिनों दोनों नेता लगातार साथ बैठकर रणनीति तैयार करने में लगे हैं। हाल ही में एक बार मुख्यमंत्री राजे ओम माथुर के फ्लेट पर गई और घण्टे भर राज्य की राजनीति व टिकट वितरण पर गहन मंत्रणा की वहीं दूसरे दिन ओम माथुर वसुंधरा राजे के सरकारी बंगले पर गए और घण्टों बैठकर चुनावी रणनीति पर मंथन किया। राजनैतिक पंडितों का कहना है कि दोनों दिग्गज नेताओं की रणनीति सार्थक तभी होगी जब जिताऊ उम्मीदवारों को टिकट दिये जाएंगे, वहीं उनका कहना है कि टिकट वितरण में अपना पराया देखा गया तो वह नुकसान पहुंचा सकता है। वहीं साफ सुथरी छवी वाले को टिकट दिया गया तो अवश्य अच्छे परिणाम सामने होंगे। भाजपा को वापस सत्ता में आना है तो फिर दिल के साथ साथ दिमाग से भी काम करना होगा। राज्य में भाजपा की स्थिति फिलहाल अनुकूल नहीं है, ऐसी स्थिति में दोनों नेताओं को मिलकर एक- एक सीट पर मशक्कत करनी होगी, भाजपा के लिए प्रत्येक सीट कीमती है जरा सी चूक भारी नुकसान पहुंचा सकती है। दोनों के बीच अंडरस्टैंडिंग तो प्रदेशाध्यक्ष मदन लाल सैनी की नियुक्ति से पहले ही बन गई थी जब वसुंधरा राजे दिल्ली में ओम माथुर के सरकारी निवास पर गई थी इस मुलाकात से दोनों के बीच गलतफहमी भी दूर हुई वहीं दोनो के बीच घण्टों राजनीति पर मंत्रणा हुई। माना जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तय किया कि राजस्थान में भाजपा सरकार के विरोध में चल रही हवा के चलते बिना ओम माथुर के चुनावी रण जीतना आसान नहीं है। माथुर से दोनों शीर्ष नेताओं की बात हुई आखिर माथुर को मना लिया गया। माथुर के राजस्थान में सक्रिय होते ही विपक्षियों में खलबली मच गई है। हालांकि वसुंधरा व ओम माथुर के पिछले लंबे अर्से से 36 का आंकड़ा होने की वजह से ये माना जा रहा था कि वसुंधरा के नेतृत्व में ओम माथुर काम करने के लिए तैयार नहीं होंगे लेकिन एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में कार्यकर्ताओं के बीच अपनी छवि रखने वाले ओम माथुर राजस्थान में दखल देने के लिए बिना किसी शर्त के राजी हो गए। माथुर के दखल के बावजूद वसुंधरा राजे ने भी कोई एतराज नहीं किया। आज यह स्थिति है कि दोनों नेता मिलकर काम कर रहे हैं। माथुर के मैदान में आ जाने से सुस्त पड़े कार्यकर्ताओं में एक बार फिर से नई ऊर्जा का संचार हुआ और हजारों कार्यकर्ता व माथुर के समर्थक सक्रिय हो गए। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर का कहना है कि राजस्थान में हर हाल में भाजपा फिर से सरकार बनाएगी। उन्होंने राज्य के भाजपाइयों से अपील की है कि वे पार्टी जिसे भी टिकट दे उसके लिए जी जान से चुनाव में काम करने के लिए जुट जाएं क्योंकि अभी यह वक्त आपसी गिले शिकवों का नहीं है। पार्टी का हर कार्यकर्ता कमल के निशान को अपना उम्मीदवार समझे और काम मे जुट जाए। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश भाजपा राज्य में 160 वर्तमान विधायकों में से 95 विधायकों पर फिर से दाव खेलने के मूड में है, वहीं अन्य 65 सीटों पर नए चेहरे उतारेगी। हालांकि शीर्ष नेतृत्व ने इस बारे में अभी हरी झंडी नहीं दी है। शीर्ष नेतृत्व वर्तमान विधायकों में से 100 विधायकों के टिकट काटना चाहता है। इस बार भाजपा विशेष तौर पर जातिगत समीकरण के आधार पर टिकट वितरण करने जा रही है। भाजपा ने चुनाव में प्रचार करने के लिए बड़े नेताओं के चुनावी दौरे तय किये हैं जिनमें नरेंद्र मोदी, अमित शाह, योगी आदित्यनाथ, ओम माथुर, राजनाथसिंह, राज्यवर्धन सिंह, हेमा मालिनी, स्मृति ईरानी, वसुंधरा राजे, किरोड़ीलाल मीणा सहित कई दिग्गजों को स्टार प्रचारक बनाया है जो चुनावी सभाओं के साथ साथ कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम करेंगे। माना जा रहा है कि अगर भाजपा कार्यकर्ताओं में फिर से उत्साह भरने में कामयाब हुई तो उसके लिए यह चुनाव जीतना कोई मुश्किल नहीं !

तिलक माथुर
केकड़ी_राजस्थान
*9251022331*

error: Content is protected !!