मिलावट का जहर, लोगों के स्वास्थ्य पर कहर

नकली घी, सिंथेटिक मावा व कई खाद्य पदार्थों में मिलावट फिर भी स्वास्थ्य विभाग खामोश
शहर में कुछ व्यापारी नकली घी, सिंथेटिक मावा बनाने के साथ खाद्य पदार्थों में मिलावट का गोरख धंधा बिना किसी रोकटोक के कर रहे हैं। नकली घी व अन्य कुछ खाद्य पदार्थ शहर सहित क्षेत्र की कई गांवो में परचूनी दुकानों पर आसानी से सस्ती दर पर मिल जाते हैं। चिकित्सा एंव स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत, अनदेखी व ठोस कार्रवाई नहीं किये जाने के कारण विशुद्ध व मिलावटी खाद्य सामग्री का अवैध कारोबार फलफूल रहा है। स्वास्थ्य विभाग व रसद विभाग ने गत वर्षों छापामार कार्रवाई कर कई लोगों को नकली घी व नकली मसाले बनाते रंगेहाथ पकड़ा था मगर उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नही होने पर इस अवैध कारोबार में लिप्त लोगों ने कुछ दिन अपना कारोबार बन्द रखकर फिर से शुरू कर दिया है। दीपावली त्योंहार नजदीक आने पर कल स्वास्थ्य विभाग की टीम ने महज खानापूर्ति करते हुए सिंथेटिक मावे व नकली घी का संदेह होने पर नमूने लिए तथा विभाग की लेबोरेट्री में जांच के लिए भिजवाए। स्वास्थ्य विभाग की इस कार्यवाही से कई दुकानदार अपनी दुकानें बंद कर भाग छूटे। आखिर क्यों जरूरत पड़ी भागने की क्या ये लोग मिलावट का धंधा करते हैं या यूं ही डर के मारे भाग गए, प्रश्न यह उठता है कि जब ये मिलावट करते ही नहीं तो फिर भागे क्यों ? इसका मतलब है दाल में कुछ काला है ! उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से नकली खाद्य सामग्री बनाने वाले जमकर मुनाफा कमा रहे हैं उन्हें लोगों की सेहत का कतई ख्याल नहीं है। नकली व मिलावटी खाद्य सामग्री उपभोग लेने वाले कई लोगों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है। शहर में शुद्ध देशी घी के नाम से नकली घी बनाये जाने के साथ ही नकली मसाले जैसे पिसी हुई हल्दी, मिर्च, धनियां बनाया जा रहा है। वहीं सिंथेटिक मावा भी शहर सहित क्षेत्र के कुछ गांवो में बनाया जा रहा है जिससे शहर व गांवो के हलवाई मिठाईयां बनाकर सरेआम बेच रहे हैं।आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ होते देख भी सम्बंधित विभाग व पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रहे जिसके कारण इस गोरखधंधे में शामिल लोगों के हौसले बुलंद है। इसी को मद्देनजर तमाम प्रकार की खाने वाली वस्तुओं नकली घी, नकली मावे से बनी मिठाइयों, नकली मिर्च मसालों की रोकथाम के लिए चेकिंग अभियान चलाकर सैंपल भरने की कार्यवाही अमल में लाई जाए।
लगातार छापेमार कार्रवाई से मिलावटखोरी तथा नकली खाद्य सामग्रियों का धंधा बंद हो जाएगा। जनहित में जिला प्रशासन तथा विभाग के उच्च अधिकारियों से अपेक्षा है कि खाने वाली वस्तुओं की चेकिंग करते हुए कारोबारियों के प्रतिष्ठानों से खाद्य सामग्रियों के सैंपल लिए जाए तथा आवश्यक कार्यवाही अमल में लाई जाए। ताकि मिलावटखोरी तथा नकली खाद्य वस्तुओं का कारोबार खत्म हो सके। उपभोक्ताओं को भी सतर्क रहने की महती आवश्यकता है। शहर के विश्वास पात्र दुकानदारों से ही खाद्य सामग्री खरीदनी चाहिए।
तिलक माथुर
केकड़ी_अजमेर
*9251022331*

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