विनायका पहले से अच्छी स्थिति में पहुंचे, मगर फिर भी कांग्रेस के डॉ शर्मा भारी
विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा भले ही कांग्रेस को घेरने का प्रयास कर रही है मगर कांग्रेस नेता डॉ रघु शर्मा बिना किसी दबाव के निरंतर क्षेत्र में अपना दबदबा बनाये हुए हैं, क्षेत्र में उनका असर बरकरार है। पिछले दस दिनों में क्षेत्र के चुनावी समीकरणों में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिला है यही वजह है कि भाजपा के राजेन्द्र विनायका पहले से अच्छी पोजीशन में आ गए हैं मगर अब ग्रोथ धीमी पड़ गई है लगता नहीं कि मतदान के शेष बचे इन दो दिनों में भाजपा कोई करिश्मा कर पायेगी। केकड़ी सीट से डॉ रघु शर्मा चुनाव लड़ रहे हैं इसलिए इस सीट पर जिले सहित राज्य के सियासतदारों की नजर टिकी हुई है। इस सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता डॉ शर्मा को भाजपा का एक आम कार्यकर्ता राजेन्द्र विनायका जिसे भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है वह चुनौती दे रहा है। जिसके चलते ये सीट राजनीतिक मायनों में कई तरह से खास बनी हुई है। राजनीति के जानकारों की माने तो भाजपा से पार्षद बनने के बाद पहली बार यहां ऊंची सियासी जमीन पर कदम रखने वाले विनायका की राह काफी चुनौती भरी बनी हुई है। इसके पीछे प्रमुख कारण डॉ रघु शर्मा की यहां सियासी जमीन पर पकड़ मजबूत है। जिसके चलते डॉ शर्मा को इस सीट पर मात देना भाजपा के लिए आसान नहीं है। डॉ शर्मा पहले भी 2008 से 2013 के बीच विधायक रह चुके हैं तथा हाल ही में दस माह पूर्व वे इस क्षेत्र की संसदीय सीट अजमेर सीट के उपचुनाव में केकड़ी क्षेत्र से करीब 35 हजार की लीड लेकर सांसद बन चुके हैं। उल्लेखनीय है कि सियासत के इस रण में भाजपा कमजोर स्थिति में होने के बावजूद किसी बड़े नेता की एक भी आमसभा नहीं करा सकी। एक आम कार्यकर्ता उम्मीदवार होने के बावजूद भाजपा का एक भी बड़ा नेता यहां प्रचार करने नहीं पहुंचा। हालांकि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का कार्यक्रम 5 दिसम्बर को यहां बड़ी आमसभा के लिए फाइनल हो गया था लेकिन अपरिहार्य कारणों के चलते उनका कार्यक्रम केंसिल हो गया। बाद में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का कार्यक्रम दिया गया लेकिन स्थानीय नेताओं ने उनके नाम पर मना कर दिया। वहीं मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का कार्यक्रम बना लेकिन स्थानीय नेताओं ने उनके लिए भी यह कहकर मना कर दिया कि उनका क्षेत्र के मतदाताओं में कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि गत लोकसभा उपचुनाव में उनका यहां कई बार आना व अलग अलग समाजों से संवाद करना नुकसानदायी हो चुका है। उन्होंने यहां जनसंवाद के दौरान विभिन्न समाजों को जमीन आंवटित करने का वादा किया था लेकिन अधिकांश समाजों को जमीन आवंटित नहीं हुई इस वजह से लोगों में नाराजगी है। स्थानीय नेताओं ने योगी आदित्यनाथ की मांग की थी लेकिन योगी के पास समय नहीं होने की वजह से उनका भी यहां कार्यक्रम तय नहीं हुआ कुल मिलाकर बिना किसी स्टार प्रचारक के बगैर ही भाजपा यहां स्थानीय स्तर पर मैनेज कर चुनाव लड़ रही है। हालांकि यहां कांग्रेस के भी कोई बड़े नेता की सभा नहीं हो पाई है।
केवल सचिन पायलट गत दिनों सरवाड़ में एक आमसभा को सम्बोधित करके गए हैं। लेकिन डॉ शर्मा के खासमखास नेता पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का अपने चहेते व नजदीकी नेता डॉ शर्मा के प्रचार में न आना जरूर चर्चा का विषय बना हुआ है। उधर कांग्रेस की सरकार बनते ही दस दिनों में किसानों का ऋण माफ करने की घोषणा से क्षेत्र के छोटे व मध्यम वर्ग के किसान इस घोषणा से प्रभावित दिख रहे है, जिसका लाभ कांग्रेस को हो सकता है। वहीं भाजपा के लुभावने घोषणा पत्र से मतदाता प्रभावित इसलिए नहीं हैं क्योंकि पिछली बार भाजपा की कई घोषणाएं थोथी साबित हो चुकी हैं, इस मामले में लोगों का भाजपा से विश्वास उठ गया है।
तिलक माथुर
केकड़ी_अजमेर
*9251022331*