केकड़ी क्षेत्र के सैंकड़ों युवा परेशान

ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनवाने के लिए खानापूर्ति बन रही है बाधक, युवा काट रहे हैं दफ्तरों के चक्कर !*
*चेतावनी: लाभार्थी द्वारा गलती से भी गलत जानकारी देने पर हो सकती है क़ानूनी कार्यवाही, नियुक्ति भी होगी निरस्त*

तिलक माथुर
केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक दृष्टि से कमजोर सामान्य वर्ग के लिए सरकारी नौकरी व शिक्षण संस्थानों में 10 प्रतिशत का लाभ पाने के लिए युवाओं को ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनवाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस प्रमाण पत्र को बनवाने में मांगी जा रही विभिन्न खानापूर्तियां बाधक बन रही है जिसके चलते सैंकड़ों युवा उपखण्ड कार्यालय, पंचायत समिति, तहसील व नगरपालिका के चक्कर काट रहे हैं। युवाओं ने बताया कि इसमें सबसे अधिक परेशानी खानापूर्ति के स्पष्ट नहीं होने की वजह से हो रही है। उन्होंने बताया कि दफ्तरों द्वारा खानापूर्ति पूरी होने पर भी नई खानापूर्ति बता दी जाती है, जिसकी वजह से उन्हें इधर-उधर भागदौड़ करनी पड़ रही है। इस मामले में ई-मित्र कियोस्क भी कोई मदद नहीं कर पा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लिए दिए गए आरक्षण के लिए विगत 3 माह पूर्व से ई मित्र क्योस्क द्वारा संबंधित प्रमाण पत्र आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है परंतु उक्त प्रमाण पत्र की पात्रता मापदंडो को अधिकारी अब तक आवेदकों को स्पष्ट रूप से नहीं समझा पा रहे हैं जिसकी वजह से प्रमाण पत्र पाने के लिए युवाओं को भटकना पड़ रहा है तथा संबंधित ई मित्र कियोस्क, तहसीलदार कार्यालय ओर नगर पालिका के चक्कर काटने पड़ रहे है। एक ओर संबंधित प्रमाण पत्र जारी कर्ता उपखंड अधिकारी द्वारा निर्देशित (आदेश) किया गया है कि उक्त आवेदन प्रपत्र में पटवारी रिपोर्ट , नगर पालिका रिपोर्ट, तहसीलदार रिपोर्ट करवा आवेदन करें लेकिन संबंधित नगर पालिका द्वारा वांछित रिपोर्ट में कार्यअवधि से अत्यधिक समय लग रही है और आवेदक द्वारा अनुचित ढंग से भिन्न-भिन्न विषय को लेकर शपथ पत्र मांगे जा रहे हैं जिसकी वजह से परेशानी और बढ़ गई है। अनुचित व अनावश्यक जानकारी मांगने की वजह से दफ्तरों के चक्कर काट रहे युवाओं में रोष व्याप्त हो रहा है। गौरतलब है कि इस संबंध में क्षेत्र के आवेदकों में विवाहित महिलाओं की संख्या भी अधिक है और इन विवाहित महिलाओं के आवेदनों को भी सक्षम अधिकारी द्वारा प्रमाण पत्र जारी करने की बजाय तकनीकी प्रक्रिया द्वारा ऑन होल्ड रख कर अनावश्यक परेशान किया जा रहा है वहीं आवेदन पत्र पर रिमार्क डाले जाने से परेशानी ज्यादा बढ़ रही है। सम्बन्धित शिक्षित विवाहित महिलाओं के आवेदन उनके माता-पिता (पीहर पक्ष) के स्थान (क्षेत्र) से होकर साथ में माता-पिता की आय स्त्रोत ओर सम्पति का विवरण मांगा जा रहा है जबकि विवाहित महिला का नाम पति के राशन कार्ड में, अन्य दस्तावेज जैसे मूलनिवास, आधार कार्ड, बैंक खाता सभी पति के नाम के साथ ओर पति के निवास पते के आधार पर बने हुवे है। विवाहिता से उसके पति के स्थान पर उसके पिता की संपत्ति का ब्यौरा मांगे जाने से महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं विवाहित आवेदक का अलग से परिवार राशन कार्ड जारी हो जाने के बावजूद माता-पिता की सम्पति का विवरण मांगा जा रहा है जबकि आवेदक के परिवार का नया परिवार राशन कार्ड भी संबंधित नगर पालिका द्वारा ही जारी किया गया है। ऐसी और कई परेशानियों से आवेदकों को रूबरू होना पड़ रहा है, ऐसे लाभार्थियों की सरकार व प्रशासन से मांग है कि वे इस ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र की प्रक्रिया को सरल बनाये ताकि युवाओं को बेवजह की खानापूर्तियों से छुटकारा मिल सके। उधर प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि लाभार्थी को सरकार द्वारा मांगी गई जानकारी मय दस्तावेज व शपथपत्र देने होंगे तभी उसे प्रमाण पत्र जारी किया सकेगा। उन्होंने यह भी बताया कि अगर लाभार्थी ने गलती से भी गलत जानकारी दी तो उसके खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही तो होगी उसकी नियुक्ति भी निरस्त होगी। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केकड़ी विधानसभा क्षेत्र में पिछले करीब डेढ़ माह में 100 के लगभग ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र जारी किए जा चुके हैं।

तिलक माथुर
9251022331

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