किस आग से उठा ये धुंआ

अमित टंडन
फॉय सागर रोड, अजमेर पर बच्चा चोर गिरोह की बात अफवाह निकलने के बाद भले ही लोगों ने राहत की सांस ली हो, भले ही पुलिस ने संदिग्ध महिला पुरुष को क्लीन चिट दे दी हो, भले मामले का पटाक्षेप हो गया, मगर ये धुंआ जो उठा था, उसके पीछे आग कौन सी थी??
कई सवाल हैं, जो जवाब मांग रहे हैं।
यदि वो महिला स्कूल की टीचर ही है तो निदेशक क्यों शिकायत लेकर थाने में बैठा?
और यदि महिला किसी और स्कूल की टीचर है तो उसे क्या पड़ी थी के राह चलते बच्चों पर बिना सोचे समझे ज्ञान झाड़ा और सीधे घर जाने की सीख दी।
चलो मान लिया के मानवता के नाते, सामाजिक सरोकार निभाते हुए सड़क पर चल रहे बच्चों को सीधे घर जाने की सीख भी दी, तो आखिर बच्चे सड़क पर ऐसा क्या कर रहे थे कि महिला से देखा नही गया और उसके अंदर की अध्यापिका जाग गई।
*क्यों तीन दिन से वो रोज़ उन बच्चों की गतिविधि पर नज़र रखी हुई थी?*
कई सवाल हैं जो इस घटना से जुड़े हैं, और जवाब मांगते हैं।
लोग बिना मसला समझे भीड़ जमा करके बस मजमा लगाना जानते हैं। मामले की तह तक जाते, फिर थाने जाकर शिकायत करते।
मान लिया कि महिला टीचर ही है, पर क्या किसी और स्कूल की टीचर है?? इन्हीं बच्चों के स्कूल की टीचर है तो बच्चे उसे पहचाने क्यों नही?
चलो बच्चे छोटी क्लास के हैं, और टीचर सीनियर क्लास की है, तो किसी बच्चे ने तो कभी स्कूल में टीचर को देखा होगा न के हां ये तो अपने ही स्कूल की बड़ी क्लास की मैडम हैं..! पर यहां तो स्कूल का डायरेक्टर खुद थाने में रिपोर्ट लिखाने पहुंचा, माने उस स्कूल की टीचर तो नही।
फिर ..!!
*उदयपुर नंबर की गाड़ी
* पति पत्नी साथ
* अजमेर के स्कूल के बच्चों को सीख देने आए थे क्या उदयपुर से खास?

महिला पुरुष बच्चा चोर नही हैं। सच बात है।
पुलिस ने भी तस्दीक की जांच के बाद।
मगर, कौन हैं, क्यों आए, ऐसा क्यों किया, मंशा क्या थी, कहाँ के हैं, महिला किस स्कूल की टीचर है??
इन सवालों के जवाब ढूंढने जरूरी हैं।
यदि प्रतिस्पर्धा का मामला है या स्कूल वालों की आपसी रंजिश अथवा खींचतान का मामला है तो ना सिर्फ उन महिला पुरुष पर, बल्कि इस स्कूल के निदेशक पर भी केस होना चाहिए, जिन्होंने अपनी रंजिश निपटाने के लिए बच्चों को मोहरा बनाया और शहर भर में सनसनी फैला कर माहौल में दहशत भर दी।

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