*BDN* *इंसान गिद्ध बन गया?

हेमेन्द्र सोनी
*क्या इंसान इंसान नही रहा, क्या वो गिद्ध बन गया है, जिसको देखो वो काला बाजारी कर रहा है*
*जिसे देखो वो एक दुसरो की मजबूरी का फायदा उठा कर उसे गिद्ध की तरह नोच रहा है*
*महामारी में बीमार तो मर ही रहा है लगता है साथ मे मानवता भी मर रही है*
*हम अपने आपको धार्मिक कहने वाले, धर्म के नाम पर मोटा चंदा देकर माला ओर साफा पहनना अपनी शान समझते है और मौका पड़ते ही इंसान को नोंचना शुरू कर देते है, यह कैसी मानवता है*
आज कोरोना काल की महामारी में जहा देखो वहां काला बाजारी हो रही है, खाने पीने की वस्तुओ से लेकर, दवाई, जांच उपकरण, ओकसोमिटर तो 500 वाला 2000 तक बेच रहे है, वैक्सीन, मरीज को ले जाने के लिए एम्बुलेंस किराया 2 से 5 गुना वसूल रहे है, अस्पताल में बेड दिलाने के नाम पर लूट, गुटखा जर्दा, घरेलू आवश्यकता के अनेक छोटी मोटी दिनचर्या की चीजें, नारियल पानी, सब्जियां, रेमडेसीवीर इंजेक्शन, कोरोना से मृत व्यक्ति की बॉडी को ले जाने के लिए एम्बुलेंस आदि आदि क्या क्या नाम गिनाऊ जहा देखो वहां स्वार्थी ओर मानवता के दुश्मन लोग काला बाजारी कर रहे है ।
आक्सीजन की कमी के चलते यहां भी काला बाजारी ।
चारो तरफ मानवता के गिद्ध आंखे फाड़े खड़े है और अपना शिकार ढूंढ रहे है ।
*मेरे को लगता है कि आज इंसान को कोरोना से ज्यादा इंसान को इंसान मार रहा है ।*
आज मरीज असहाय हो गया है उसे चारो तरफ से ठगा जा रहा है, वो मजबूर ओर विवश हो कर मानवता के गिद्ध के हाथों अपनो का जीवन बचाने के गिद्धों के हाथों लूट रहा है ।
लेकिन एक बात समझ लो यह कुदरत है अपने किये कर्मो का सबको यही भुगतान करना है, ओर वो भी बहुत जल्द, ओर ध्यान रखना कुदरत जब बदला लेती है और अपनी पर आती है तो मोहलत भी नही देती है ।
👉 *मेरा आपसे निवेदन :-*
यह समय इंसानियत का है, अपना मानव धर्म निभाने का है ऐसे में हमे एक दूसरे का मददगार बनना चाहिए, ओर जो लोग काला बाजारी करते है ऐसे मानवता के दुश्मन गिद्धों को सबक सीखाना चाहिए ।
*धन्य है वो मानवता के पुजारी जो निस्वार्थ भाव से रात ओर दिन सुख दुख में जरूरत मंदों व एक दुसरो की मदद को आगे आ रहे है, धन्य है सामाजिक संगठनों को जो आवश्यकता अनुसार मदद उपलब्ध करा रहे है ।*
👉 *सरकार को गाली देने के बजाय हमे अपनीं गिरेबान में झांकना होगा कि हमने आवश्यक वस्तुओ की कृत्रिम कमी और अवैध भंडारण कर उसकी कमी दिखा दी और जरूरत मंद को मुंह मांगो दामो पर बेच कर जेब भरने में लगे है ।*
*हमे खुद को मानवता वादी बनना होगा*
*चार दिन की जिंदगी में मानव धर्म निभाले प्राणी, नही तो बर्बाद हो जाएगा*
*हेमेन्द्र सोनी @ BDN ब्यावर*

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