मीडिया तंत्र किसी ना किसी हाथो बिका हुआ है

mediaमैं आपको बताना चाहूँगा की भारत का मीडिया तंत्र जिसको भारत के लोकतंत्र का सबसे अहम् चौथा स्तम्भ माना जाता है आज कल उस भारत का मीडिया तंत्र के बारे मे ऐसा प्रतीत होता है की वो मीडिया तंत्र किसी ना किसी हाथो बिका हुआ है। ये हक़ीक़त वो मीडिया तंत्र या उनकी कंपनिया ही जाने की उनको किसने खरीदा है। क्योकि भारत का मीडिया 2 दिन से लगातार ये खबर दिखा रहे है की 34साल बाद भारत के कोई प्रधानमंत्री दुबई/सऊदी अरब (UAE) गए है। जो की पुरे तरीके से झूठ और गलत है। क्योकि 27 फ़रवरी 2010 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमान डॉ. मनमोहन सिंह जी, उनकी पत्नी गुरचरण कौर, स्वास्थ्य मंत्री गुलाब नबी आजाद, वाणिज्य एवं उद्योगमंत्री आनंद शर्मा, पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा और राज्यमंत्री के साथ 3 दिवसीय यात्रा पर सऊदी अरब गए थे। यह 1982 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा सऊदी अरब की पहली यात्रा थी। डॉ. मनमोहन सिंह जी अपने आधिकारिक प्रतिनिधि मंडल एवं मंत्रिमंडल के साथ क्राउन प्रिंस सुल्तान बिन अब्दुल अजीज ने राजा खालिद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के शाही टर्मिनल पर स्वागत किया गया।प्रोटोकॉल के तहत डॉ.मनमोहन सिंह के लिए रेड कार्पेट बिछाई गई थी। और शहर के केंद्र के लिए हवाई अड्डे से लगभग 40किलोमीटर मार्ग भारतीय और सऊदी अरब झंडे लगाये गए थे। दूसरे दिन एक औपचारिक स्वागत समारोह अतिथियों के सम्मान मे आयोजित किया गया था। सऊदी अरब यात्रा के दौरान डॉ. मनमोहन सिंह जी को प्रतिष्ठित किंग सऊद विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था। सहयोग के लिए एक सहमति पत्र पर प्रधानमंत्री की उपस्थिति मे विज्ञान, बैंगलोर के भारतीय संसथान और किंग सऊद विश्वविद्यालय के बिच हस्ताक्षर किये गए थे। भारतीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाब नबी आजाद और सऊदी अरब के दूसरे उपप्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री प्रिंस नाइफ बिन अब्दुल अजीज द्वारा प्रत्यपर्ण संधि( सजायाप्ता व्यक्तियो), सांस्कृतिक सहयोग, भारतीय अनुसंधान संगठन और बाह्य अंतरिक्ष और संयुक्त अनुसंधान और सुचना प्रौद्योगिकी के शांतिपूर्ण उपयोग मे सहयोग के लिए विज्ञान और प्रोधोगिकी के लिए अब्दुल अजीज सिटी के बिच समझौता ज्ञापन के हस्तांतरण से सम्बंधित चार समझौतों पर भी हस्ताक्षर किये गए थे। डॉ. मनमोहन सिंह जी 3 दिवसीय यात्रा के समापन 1 मार्च 2010 को भारत वापस लौट आ गए थे। इस यात्रा से दोनों देशो के बिच रिश्तों के गहराई बढ़ने के लिए और सऊदी अरब से निवेश के लिए महत्वपूर्ण माना जायेगा।
और ये सब सच्चाई भारत की मीडिया क्यों नहीं दिखती है । मैं इस मेसेज के माध्यम से भारतीय मीडिया से विनती करता हु की हिंदुस्तान की जनता को सच्चाई से अवगत कराओ ना की पैसो के आगे अपने ईमान को अपने धर्म को बेचो। और में मेरे सभी मित्रो से अनुरोध करता हु की इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे और भारतीय मीडिया और सरकार की सच्चाई जनता के सामने लाई जाये।
मुकेश कुमार गुर्जर

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