शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सररस्वती ने कभी जियारत नहीं की

ज्योतिश पीठ के षंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेष्वरानंद सररस्वती जी इन दिनों सुर्खियों में हैं। देष के सारे न्यूज चैनल व प्रमख यूट्यूब चैनल उनके साक्षात्कार दिखा रहे हैं। राम जन्मभूमि पर निर्माणाधीन राम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिश्ठा के क्रम में अपना अलग स्टैंड रखने की वजह से वे निषाने पर हैं। किसी ने उनकी एक फेक फोटो वायरल कर यह बताने की कोषिष की है कि वे हिंदू धर्म के षंकराचार्य हैं, फिर भी दरगाह में चादर पेष करते हैं। एक न्यूज चैनल को इंटरव्यू देने के दौरान इस आषय का सवाल पूछे जाने पर उन्होंने खुलासा कि अभी तक अजमेर जाने का ही संयोग नहीं बना। जब अजमेर गए ही नहीं तो दरगाह षरीफ कैसे जाएंगे। उन्होंने कहा कि अब उनका राजस्थान के हर जिले में जाने का कार्यक्रम बन रहा है। तो अजमेर भी जाएंगे। हम अभी तक किसी भी दरगाह में नहीं गए हैं, लेकिन अगर हम चले भी जाएं, हमारे देष की जो वो धरती है, जहां वो स्थान बना हुआ है और बहुत सारे लोग भी वहां जाते हैं। अगर किसी कारण से किसी समय चले भी जाएं तो उतने से हम मुस्लिम तो नहीं हो जाएंगे, मुस्लिम को समर्थन करने वाले तो नहीं हो जाएंगे। यह देखना पडेगा न कि किस कारण से गए। हमारे प्रधानमंत्री जी हिंदुओं के बडे नेता माने जाते हैं, वे भी तो हर साल दरगाह षरीफ में चादर भेजते हैं। क्या केवल चादर चढा देने से, केवल वहां खडे हो कर श्रद्धा अर्पित कर देने मात्र से वे मुस्लिम हो गए, या मुस्लिम समर्थक हो गए। असल में चादर चढाने का झूठा प्रचार उनको बदनाम करने की कोषिष मात्र है। कुल जमा उन्होंने दरगाह जियारत करने से परहेज न होने की मंषा जाहिर की है।

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