बहुत याद आते हैं ऊर्जा से लबरेज वीर कुमार

अजमेर नगर परिषद के सभापति रहे स्वर्गीय वीर कुमार की पुण्यतिथी पर पूरा अजमेर शहर उन्हें तहेदिल से याद कर रहा है। उनका जांबाजी से चमकता चेहरा और बिंदास व्यक्तित्व आज भी यहां के नागरिकों के जेहन में मौजूद है। पुण्यतिथी के इस मौके पर आइये कुछ जानते हैं उनके बारे में:-
नगर परिषद के सभापति रहे स्वर्गीय श्री वीरकुमार पाल का जन्म 2 अगस्त 1956 को श्री खुशीराम पाल के घर हुआ। उनके पिता रेलवे में नौकरी करते थे। उन्होंने बी.ए. व एल.एल.बी. की डिग्रियां हासिल कीं और पेशे के रूप में वकालत को ही अपनाया। वे छात्र जीवन से ही काफी ऊर्जावान थे और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ कर सक्रिय राजनीति में आ गए। वे भाजपा युवा मोर्चा की जिला इकाई के महामंत्री और बाद में प्रदेश इकाई के भी महामंत्री रहे। वे अजमेर शहर जिला भाजपा के महामंत्री और देहात जिला भाजपा के उपाध्यक्ष भी रहे। उन्होंने कांग्रेसराज में अनेक उग्र आंदोलनों का नेतृत्व किया। अजमेर में वे अपने किस्म के अकेले नेता थे। ओजस्वी और जुझारु व्यक्तित्व के कारण युवा वर्ग उनका दीवाना था। वे 1995 में नगर परिषद के सभापति चुने गए। अजमेर नगर परिषद की ओर से ब्यावर की तरह होली पर बादशाह की सवारी निकालने की परंपरा उन्हीं की देन थी। इसके अतिरिक्त रामलीला, गरबा इत्यादि अनेक सांस्कृतिक आयोजन भी उन्होंने अपने कार्यकाल में शुरू किए। अपने विशिष्ट व्यक्तित्व की बदोलत उन्होंने पूरे राजस्थान में नाम कमाया। उनका निधन 23 जनवरी 2000 को कोटा में हृदयाघात से हुआ। उनकी शवयात्रा में पूरा शहर ही उमड़ पड़ा।
बुजुर्गों का कहना था कि उन्होंने अपने जीवन में इतनी विशाल शवयात्रा कभी नहीं देखी। उनके निधन के साथ ही अजमेर ने एक ऐसा नेता खो दिया, जिससे पूरे शहर को अनेक आशाएं थीं। उनके बिंदास व्यक्तित्व की न केवल भाजपाई बल्कि कांग्रेसी भी तहेदिल से तारीफ किया करते हैं। नगर के विकास में उन्होंने बिना किसी भेदभाव के कांग्रेसी पार्षदों को भी साथ लेकर काम किया। उनके निधन के बाद उन्हीं की परंपरा के सुरेन्द्र सिंह शेखावत ने कुछ समय तक नगर परिषद सभापति का पद संभाला और धर्मेन्द्र गहलोत ने नगर निगम के महापौर के रूप में काम करते हुए उनकी याद को जिंदा बनाए रखा। संयोग से मौजूदा महापौर कमल बाकोलिया भी उनके बेहद करीबियों में रहे हैं। वे उनके कितने करीब रहे, इसका अंदाजा इसी बात से हो सकता है कि उनका मोबाइल नंबर 9829070670 आज भी उनके पास है। मीडिया कर्मियों से भी उनके घनिष्ठ संबंध रहे।
स्वर्गीय वीर कुमार की पुण्यतिथी के मौके पर असली श्रद्धांजलि यही होगी कि हम भी उनकी ही तरह अजमेर की बहबूदी के लिए पूरी ऊर्जा के साथ काम करने को तत्पर रहें।
-तेजवानी गिरधर

2 thoughts on “बहुत याद आते हैं ऊर्जा से लबरेज वीर कुमार”

  1. वाकई अजमेर की शान और एक दमदार नेता थे भाई वीर कुमार.

  2. Respected Bhai Sh., Veer Kumar Ji ka Article bahut pasand aaya. Regards, Jitendra Rathore, Bhaskar

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