चौधरी के प्रयासों से आगे बढ़ी एलीवेटेड रोड की बात

यह एक सुखद बात है कि सिटीजन्स कौंसिल के महासचिव व दैनिक नवज्योति के प्रधान संपादक दीनबंधु चौधरी के प्रयासों से अजमेर में प्रस्तावित एलिवेटेड रोड की फिजीबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने के लिए कंसल्टेंट नियुक्त करने के नगर सुधार न्यास की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को नगरीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव जी एस संधू ने मंजूर कर लिया है। ज्ञातव्य है कि अजमेर की हार्ट लाइन स्टेशन रोड व कचहरी रोड पर यातायात के दबाव को कम करने के लिए जयपुर रोड स्थित पुरानी आरपीएससी के सामने से कचहरी रोड होते हुए मार्टिंडल ब्रिज और ब्रिज से जीसीए चौराहे तक एलिवेटेड रोड बनाना प्रस्तावित है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों एलीवेटेड रोड की संभावना को तलाशने के लिए नगर सुधार न्यास ने कंसल्टेंसी के लिए निविदाएं आमंत्रित की थीं, मगर चूंकि इसके लिए सरकार की ओर से स्वीकृति नहीं मिली थी, इस कारण बात आगे नहीं बढ़ रही थी। इस पर चौधरी ने अपने प्रयास जारी रखते हुए लगातार दबाव बनाए रखा और आखिरकार उन्हें सफलता मिल गई।
हालांकि कंसल्टेंट कंपनी निर्धारित पैरामीटर के तहत अपनी रिपोर्ट बनाएगी, मगर अब यह नगर सुधार अध्यक्ष नरेन शहाणी भगत सहित सभी राजनेता, सामाजिक संगठन, पूरा प्रशासनिक अमला व मीडिया की यह जिम्मेदारी है कि वे आगे भी पूरा दबाव बना कर रखें। स्वाभाविक रूप से विकास के साथ कुछ कठिनाइयां भी होती हैं, मगर अजमेर वासियों का फर्ज है कि वे छोटे-छोटे स्वार्थों की खातिर इसमें किसी प्रकार का रोड़ा न अटकाएं। तभी यह महत्वाकांक्षी योजना जल्द से जल्द पूरी हो सकती है।
आपको याद होगा कि एलीवेटेड रोड की जरूरत पिछले काफी समय से महसूस की जाती रही है। पिछले दो साल से तो इस मांग ने काफी जोर भी पकड़ लिया था। विभिन्न समाचार पत्रों के समय-समय पर इस मुद्दे को उठाने के साथ जनजागरण व सरकार पर दबाव के लिए दैनिक नवज्योति ने तो बाकायदा अभियान ही छेड़ दिया था। अजमेर उत्तर ब्लाक-बी कांग्रेस कमेटी के सचिव व जागरूक युवा लेखक व ब्लॉगर साकेत गर्ग ने तो इस अभियान को बल प्रदान करने के लिए फेसबुक पर एलीवेटेड रोड फोर अजमेर नामक पेज तक बनाया और उससे अनेक अजमेर वासियों को जोड़ा। अजमेर के इतिहास, वर्तमान व भविष्य पर दो वर्ष पहले प्रकाशित पुस्तक अजमेर एट ए ग्लांस के विजन अजमेर पार्ट में तो एलीवेटेड रोड का काल्पनिक चित्र तक प्रकाशित किया। अजमेर की बहबूदी के लिए काम कर रहे अजमेर फोरम ने भी इसके लिए गंभीर प्रयास किए।
उम्मीद की जानी चाहिए कि अब जब कि कंसल्टेंट कंपनी को वर्क ऑर्डर देने को हरी झंडी मिल गई तो यह आगाज एक सुखद अंजाम तक पहुंचेगा। न्यास सदर नरेन शहाणी भगत के केरियर के लिए भी एलीवेटेड रोड मील का पत्थर साबित हो सकती है। मगर उसके लिए जरूरी है कि वे पूर्व न्यास सदर औंकारसिंह लखावत की तरह पूरे मनोयोग से जुट जाएं।
-तेजवानी गिरधर

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