रावत की ये टिकट पक्की करने की दौड़ तो नहीं?

इसमें कोई दो राय नहीं कि ब्यावर के भाजपा विधायक शंकर सिंह रावत ब्यावर को जिला बनवाने और बीसलपुर का पानी पिलाने के लिए एडी चोटी का जोर लगा रहे हैं, मगर विपक्षी विधायक होने के कारण उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। ये बात खुद रावत भी जानते हैं कि सरकार को यदि ब्यावर को जिला घोषित करना ही होगा तो उसकी क्रेडिट उन्हें काहे को देगी। ऐसे में उनकी ताजा दौड़भाग को ब्यावर की जनता का दिल जीतने और अपनी टिकट पक्की करने से जोड़ कर देखा जा रहा है।
जहां तक उनकी ताजा जयपुर पैदल यात्रा का सवाल है, उसे उनके समर्थकों का तो पूरा सहयोग मिल रहा है, मगर देहात जिला भाजपा उनके साथ नहीं है। यात्रा जब अजमेर आई तो उनका स्वागत नगर परिषद के पूर्व सभापति सुरेन्द्र सिंह शेखावत, युवा मोर्चा अध्यक्ष देवेंद्र सिंह शेखावत और रावत समाज के राजेंद्र सिंह रावत, अशोक रावत और तारा रावत ने तो किया, मगर भाजपा का कोई बड़ा नेता उनके आगे नहीं फटका। कारण जानने पर सामने आया कि विधायक वासुदेव देवनानी जयपुर किसी मीटिंग में थे, भाजपा अध्यक्ष रासासिंह रावत पैर में लगी चोट से पीडि़त हैं। वहीं विधायक अनिता भदेल भी पारिवारिक कार्यक्रम में व्यस्त थीं।
ज्ञातव्य है कि विधायक रावत ब्यावर को जिला बनाने और ग्रामीण इलाकों को बीसलपुर पाइप लाइन से जुड़वाने के लिए सक्रिय रहे हैं। विधानसभा में सवाल उठाए, धरने और भूख हड़ताल भी की। एक बार तो अनशन पर ही बैठ गए, जिसे बमुश्किल तुड़वाया गया। जहां तक उनके मकसद का सवाल है, इसमें कोई दोराय नहीं कि वह अपने आप में पवित्र ही है, मगर चुनाव से एक साल पहले उनकी अति सक्रियता को इस अर्थ में लिया जा रहा है कि वे इस बहाने अपनी टिकट पक्की कर लेना चाहते हैं। यहां गौरतलब बात ये है कि रावत की ही तरह पूर्व विधायक देवी शंकर भूतड़ा ने भी पोस्टकार्ड अभियान छेड़ रखा है। उनकी भी वहीं मांग है, जो कि रावत की है। एक ही संगठन, एक ही मांग, मगर दो तरह के आंदोलन या तरीके संशय उत्पन्न करते हैं। रावत ने अपनी यात्रा प्रारंभ की तो ब्यावर में उन्हें रावत समाज और कार्यकर्ताओं का भारी समर्थन मिला, वहीं भूतड़ा देहात जिला अध्यक्ष नवीन शर्मा के साथ भाजपा संगठन की ओर से मांग उठा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि ब्यावर ग्रामीण क्षेत्र रावतों का गढ़ है, वहीं ब्यावर शहरी क्षेत्र में भूतड़ा की पकड़ भी कमजोर नहीं है। राजनीति के जानकारों की सोच है कि भूतड़ा टिकट की दावेदारी मजबूत करना चाहते हैं। एक और दिलचस्प बात ये है कि शहर जिला भाजपा के अध्यक्ष प्रो. रासासिंह रावत की फिर सक्रिय चुनावी राजनीति में उतरने की इच्छा है और उनकी नजर पुष्कर के अतिरिक्त ब्यावर पर भी है।
इस पूरे प्रकरण पर रावत का कहना है कि वे विधायक हैं और जनता के हित की खातिर संघर्ष कर रहे हैं। उनका दावा है कि वे जल और जिले की घोषणा के साथ ही ब्यावर लौटेंगे। वे इस बात से इंकार करते हैं कि संगठन उनके साथ नहीं है। रावत की यात्रा के बारे में जब पूर्व विधायक देवीशंकर भूतड़ा से पूछा गया तो वे बोले कि रावत का जयपुर कूच संगठन की अनुमति से है या नहीं, मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता। इसी सिलसिले में देहात जिला भाजपा अध्यक्ष नवीन शर्मा का कहना है कि भाजपा ब्यावर में जल और जिले की मांग को लेकर अभियान चला रही है। अच्छी बात है कि विधायक भी अपने स्तर पर कूच कर रहे हैं। अच्छा है ब्यावर की मांग को और बल मिलेगा। संगठन अपना काम कर रहा है। उनके इस जवाब से ही समझा जा सकता है कि दाल में जरूर काला है।
जयपुर में होगा शक्ति प्रदर्शन
विधायक शंकर सिंह रावत के साथ जयपुर पैदल जाने वाले कार्यकर्ताओं की संख्या गिनती मात्र की ही है। यह आंकड़ा करीब 20 का है। मगर कार्यकर्ताओं के मुताबिक विधायक रावत के जयपुर पहुंचने के पहले ब्यावर से उनके समर्थक और नागरिक पहुंचेंगे और कूच के जरिए राजधानी में शक्ति प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए ब्यावर से निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हरिकिशन तिलोकानी, चिकित्सा प्रकोष्ठ भाजपा डॉ. नरेंद्र आइनानी समेत अन्य लोग व्यवस्थाएं संभाल रहे हैं। विधायक रावत संभवतया 30 की शाम या 31 जनवरी की सुबह जयपुर में प्रवेश करेंगे।
-तेजवानी गिरधर

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