आम आदमी पार्टी में जारी है तू तू मैं मैं

aam aadmi parti thumbपिछले दिनों इसी कॉलम में एक न्यूज आइटम प्रकाशित हुआ था कि आप में शुरू हुई तू-तू मैं-मैं। इस पर पार्टी में खलबली मची। वह खलबली आज भी जारी है। हाल की पार्टी के एक नेता राजेन्द्र सिंह हीरा का एक समाचार अजमेरनामा पर प्रकाशित हुआ, इस पर जो उत्तर प्रत्युत्तर हुए हैं, उससे जाहिर है कि पार्टी में खींचतान अब भी जारी है, पेश हैं हूबहू प्रतिक्रियाएं:-
23 मार्च 2013 अरविन्द केजरीवाल के अनिश्चितकालीन असहयोग आन्दोलन में सम्मिलित होने का सुनहरा अवसर मिला। अजमेर कार्यकारिणी का मैं एकलौता सदस्य था जिससे यह सौभाग्य प्राप्त हुआ। इतना हुजूम देखकर मन अभिभूत हो गया। कोई देशभक्ति के गीत गा रहा था, कोई कविता पाठ कर रहा था, कोई ढोलक बजाकर, नाच गाकर अपने उदगारो को व्यक्त कर रहा था। क्यों न हो, आज दिन था भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहीदी का। दिन था राम मनोहर लोहिया के जन्म दिन का। दिन था आम आदमी पार्टी की एक नयी शुरुआत का। वाहेगुरु से मेरी अरदास है की यह शुरुआत अपने अंजाम तक पहुंचे।
जय हिन्द
-राजेन्द्र सिंह हीरा

पार्टी के किन्हीं मुकेश वर्मा ने लिखा कि श्री राजेंद्र जी आम आदमी पार्टी के सदस्य जरुर है, लेकिन आप पार्टी अजमेर कार्यकारिणी से वित्तीय अनियमित्ताओ के कारण निष्काषित कर दिए गए है.! श्री राजेंद्र सिंह हीरा अकेले ऐसे व्यक्ति है जो इस तरह के आरोप में निष्काषित हुए है ! अतः मैं तेजवानी जी से निवेदन करूँगा के आप पहले तथ्य की सत्यता कर कोई न्यूज़ पोस्ट करे.
धन्यवाद् ! i
इस पर किन्हीं मनिंदर ने लिखा कि ts an old saying, that when you try to somthing good, there will be more people to pull you down then to support you. This is evident the statement that Mr. mukesh verma has made.
Its funny to here such statements from someone who himself is not a part of the party. As per him, Mr. Rajendra singh is not the member of AAP. Mr. Verma, do you have any proof of the same? Was it there in the new paper? Beacuse as per constitution, to appoint and dissmiss someone in the party is in the powers of the state committee and not district.
secondly, please watch your own words before doubting and commenting on the senior editor of ajmer like Mr. Tejawani.
फिर किन्ही विकास चरण ने लिखा कि Mr. Manindra according to you, the statement of Mr. varma is funny, but it is true that Mr. Heera is no more in party karyakarini member and for your kind information in AAP, there is no centralized decision is applicable in district committee, and termination of Mr. heera is district committee decision and it is taken by committee on front Mr. Heera and all member of committee are agree for the same.
if you want to know more visit this link
http://aapajmer.org/committee-list.php
this link can show you the list of district committe.
प्रत्युत्तर में मुकेश वर्मा ने लिखा कि यदि सबूत चाहते है तो पार्टी की वेबसाइट पर जाकर आप देख सकते है कि अजमेर कार्यकारिणी में कौन है ! और यदि हीरा जी के पास इस बात का सबूत है कि वो कार्यकारिणी के मेम्बर है तो पार्टी कार्यालय में आकर बताये !
इस तरह हीरा अपने आप को प्रोजेक्ट करके, किसी ऑनलाइन पोर्टल में खुद कि न्यूज़ निकल कर सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाहते है !
इससे यह तो लगता ही है कि कहीं न कहीं कोई गडबड है। मजे की बात देखिए कि राजेन्द्र सिंह हीरा ने इसके बाद एक पोस्ट फिर भेजी है, जो यह साबित करती है कि वे एक गुट का प्रतिनिधित्व तो कर रही हैं। पोस्ट हस प्रकार है:-
“28 मार्च 2013, अरविन्द जी के अन-शन का छठा दिन। सुबह मैं शीशगंज गुरूद्वारे पहुंचा। मत्था टेका और अरविन्द जी की अच्छी सेहत के लिए दुआ मांगी। गुरूद्वारे से बाहर आया तो तय समय पर सुनील आगीवाल जी अपनी टीम के साथ कैब में गुरूद्वारे के सामने पहुंचे। कैब पर देशभक्ति संगीत बज रहा था। कैब के चारों तरफ आम आदमी पार्टी के बैनर लगे हुए थे। टीम भीलवाड़ा, डॉ. राकेश पारीख, झुंझुनू के कार्यकर्ता व मैं निकल पड़े अपनी मंजिल तकिया काले खां व मीर दर्द की झुग्गी झोपड़ियों की तरफ। बस्ती वालों के बिजली के बिल की राशि सुनकर अचम्भा हुआ। उससे भी ज्यादा दुःख हुआ उनकी हालत देखकर। सच, आजादी के 64 सालों के बाद की दिल्ली — दिल्ली ऐसी है? शाम तक करीब 500 शपथ पत्र भरवाकर हम अरविन्द जी से मिलने सुंदर नगरी गए। शरीर की कमजोरी थी पर हौसला बुलंद। कार्यकर्ताओं से मिलकर उन्हें उत्साह हो आया। भगवान् अरविन्द जी को हिम्मत, हौसला व सेहत का दान देना।
जय हिन्द “

1 thought on “आम आदमी पार्टी में जारी है तू तू मैं मैं”

  1. ‘अजमेरनामा’ में एक लेख ‘आम आदमी पार्टी में जारी है तू तू मैं मैं’ पढ़ने का सुअवसर मिला. आपकी बात सही प्रतीत होती है कि पार्टी में खींचतान अब भी जारी है. इसके लिए स्थानीय स्तर पर मामलों को सुलझाया जाना जरुरी लगता है. मैंने अपने एक लेख में लिखा भी था – “जब कोई अपने घर में किसी पार्टी का आफिस खोले तो निजी स्वार्थ की थोड़ी बहुत बू आती ही है और संदेह होता है. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक श्री अरविंद केजरीवाल ने मिशन बुनियाद कार्यक्रम में अब यह स्पष्ट कर दिया है कि हर जिला मुख्यालय पर आम आदमी पार्टी का एक फंक्शनरी कार्यालय खोला जाना चाहिये, जहाँ जिम्मेदार व्यक्ति बैठता हो तथा जहाँ पार्टी के सारे लिटरेचर मौजूद हों. ऐसा आफिस किसी के घर में नहीं खोलना है. हर ब्लाक के जिम्मेदार लोगों की लिस्ट बनानी है. इसके पीछे मन्शा यही है कि ऐसा कार्यालय ऐसे स्थान पर खोला जाना चाहिये जहाँ आम आदमी को पहुँचने में दिक्कत ना हो. मिशन बुनियाद कार्यक्रम की बातचीत इंटरनेट पर उपलब्ध है.” यहाँ महत्वपूर्ण यह है कि पार्टी का कार्यालय किसी के घर में नहीं होना चाहिये. महत्वपूर्ण यह भी है कि जिला कार्यकारिणी के संयोजक और जिला सचिव ऐसे व्यक्ति होने चाहिये जो जिले में विभिन्न इकाइयों में सामंजस्य स्थापित कर सके और पार्टी संविधान के अनुसार जिले के कार्यकर्ताओं को दिशा दे सके. जिला कार्यकारिणी कोषाध्यक्ष ऐसा व्यक्ति होना चाहिये, जिसे अकाउंटिंग (लेखाशास्त्र) का अच्छा ज्ञान हो.
    आम आदमी पार्टी के सामने स्थानीय स्तर पर बहुत सी चुनौतियाँ खड़ी हैं. जनता यह अपेक्षा करती है कि पार्टी का नेता और कार्यकर्ता ऐसा होना चाहिये जिसकी कथनी और करनी में अन्तर नहीं हो. भारत की राजनीति में नेताओं ने जो कहा, वह् किया नहीं, इसलिए ही जनता का विश्वास राजनीति और नेताओं से कम हुया है. आम आदमी पार्टी के गठन को जनता एक विश्वास के साथ देख रही है और यह पार्टी कार्यकर्ताओं पर निर्भर है कि वे जनता का विश्वास बनाएं रखें. वैसे भी आम आदमी पार्टी का गठन ईमानदारी, पारदर्शिता और सह्भाग पर आधारित है.
    स्वराज के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ यह पार्टी जनता के साथ खड़ी रहेगी और हर उस उपाय को लागू करेगी जिससे महँगाई दूर हो. आज किसानों की जमीनें विकास के नाम पर अधिग्रहीत की जा रहीं हैं. आम आदमी पार्टी ने संकल्प लिया है कि अँगरेजों द्वारा 1894 में बनाया गाया भूमि अधिग्रहण कानून रद्द होगा. अच्छी शिक्षा और अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए समुचित कदम उठाये जायेंगे. मतदान के समय मतदाता को ‘नापसंदी अधिकार’ (राईट तू रिजेक्ट) के चयन का अधिकार भी दिया जायेगा. यदि जनता चाहेगी तो चुने जाने के बाद भी चुने हुए उम्मीदवार को वापिस बुला सकेगी यदि चुना हुया उम्मीद्वार जनता की उम्मीदों के प्रति खरा नहीं उतरता है. कई दिनों पूर्व इस लेख के लेखक को आम आदमी पार्टी की राज्य कार्यकारिणी संयोजक श्री अशोक जैन व राज्य कार्यकारिणी के अन्य सदस्यों – कोटा की डॉ. आर. पी. गर्ग, झुंझुनु के श्री गणपत सिंह, जोधपुर के श्री गोपीलाल सुथार आदि से मिलने का मौका मिला. श्री अशोक जैन ने अनौपचारिक बातचीत में बताया कि मांगरोल की जनता ने यह साबित कर दिया है कि चुनाव बिना पैसे के जीता जा सकता है.

    अजमेर में एक नए विश्वास के साथ कुछ कार्यकर्ता पार्टी की जमीन तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं पर अभी काम बहुत है जिसे पूरा किया जाना है. एक ऐसा फंक्शनरी कार्यालय खोले जाने की जरूरत है जहाँ कोई जिम्मेदार व्यक्ति बैठता हो,जहाँ पार्टी का सारा लिटरेचर उपलब्ध हो और जहाँ आम आदमी आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिल सके. जिले के हर शहर के प्रत्येक वार्ड में वार्ड सभा, प्रत्येक ग्राम में ग्राम सभा और प्रत्येक कालेज में छात्र सभा के रूप में प्राथमिक इकाइयों के गठन की जरूरत है. इसके लिए हर गांव, हर मोहल्ले, हर शहर में सघन सदस्यता अभियान चलाने की जरूरत है. प्रत्येक इकाई में एक संयोजक और एक सह-संयोजक आम राय से चुनने का काम प्रारंभिक तौर पर किया जाना है. इसके लिए जिले में हर स्तर पर ऐसे कार्यकर्ताओं की जरूरत महसूस हो रही होगी जो अपने निजी स्वार्थ को पीछॆ रखते हुए नि:स्वार्थ भावना से एक जुट होकर पार्टी उद्देश्यों के लिये काम कर सकें. काम बहुत है और चुनौतियाँ भी बहुत हैं, देखना है कि पार्टी कार्यकर्ता कैसे इसे पूरा कर पाते हैं. मुझे अत्यन्त दु:ख होता है कि अभी तक अजमेर में आम आदमी पार्टी का कोई ऐसा कोई फंक्शनरी कार्यालय नहीं है, जहाँ कोई जिम्मेदार व्यक्ति बैठता हो और निजी स्वार्थ के चलते बहुत सा काम रुका हुआ सा लगता है..

    – केशव राम सिंघल

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