भाजपा के सभी दावेदार कर रहे हैं सिगनल मिलने का दावा

ये कैसा सिग्नल हैं जो सबको मिल रहा है?

पीयूष राठी
पीयूष राठी

-पीयूष राठी- केकड़ी। सूबे में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं और चुना जाना हैं राजस्थान विधानसभा में क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाला विधायक भी…विधायक की इस रेस में जहां दोनों प्रमुख पार्टियों में से एक कांग्रेस में सिर्फ एक चेहरा चुनावी मैदान में नजर आ रहा हैं तो वहीं दूसरी बड़ी पार्टी बीजेपी से कई नामचीन चेहरों ने चुनावी मैदान में अपनी दावेदारी की ताल ठोक रखी हैं। इन सभी दावेदारों ने पिछले कई दिनों से पूरे विधानसभा क्षेत्र में घूम-घूम कर अपना प्रचार प्रसार शुरू कर दिया हैं। ऐसे में ये सभी दावेदार टिकट की जुगत में पार्टी के शीर्ष नेताओं के लगातार संपर्क में हैं और आये दिन दिल्ली व जयपुर के चक्कर लगा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो कई दावेदारों के सिपहसलार तो पिछले कई दिनों से जयपुर में डेरा डाले हुए हैं और पार्टी के हर शीर्ष नेता से मिल कर अपने नेता जी के लिये टिकट जुगाडऩे की हर संभव कोशश कर रहे हैं। ऐसे में एक बात जो सामने आई हैं वो हैं कि जो भी दावेदार जयपुर या दिल्ली होकर आ रहे हैं वे सभी पूरे क्षेत्र में अपना प्रचार प्रसार करते हुए कह रहे हैं कि वे शीर्ष नेताओं से मिले हैं जिन्होने उन्हे सिग्नल दे दिया हैं और चुनावी तैयारियां करने की कह दिया हैं। ऐसा नहीं हैं कि किसी एक दावेदार ने यह बात कही हो अमूमन हर दावेदार या उसके समर्थक के मुंह से यह सुनने को मिल रहा हैं कि उन्हे सिग्नल मिल गया हैं और टिक्कट पक्का हैं। ऐसे में सवाल उठना लाजमी हैं कि आखिर एक विधानसभा क्षेत्र से एक विधायक के लिये आखिर यह कोनसा सिग्नल हैं जो इतने लोगों को एक साथ मिल रहा हैं?? साथ ही प्रश्न यह भी उठता हैं कि क्या सच में कोई सिग्नल मिल भी रहा हैं या फिर अपने नाम की हवा बनाने के लिये दावेदार यूं ही झूटी अफवायें फैला रहे हैं??
बहरहाल जो भी हो स्थिति आगामी कुछ दिनों में साफ हो जायेगी कि आखिर भाजपा किस पर भरोसा करती हैं और किसे चुनावी मैदान में कांग्रेस के कद्दावर नेता के सामने अपना अर्जुन बना कर उतारती हैं। ज्ञात हो कि यह पहले ही साफ हो चुका हैं कि भाजपा राजस्थान की सभी 200 विधानसभा सीटों पर जिताउ व टिकाउ प्रत्याशी को ही टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारेगी। इसका एक कारण यह भी हैं कि 2008 में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार व सत्ता हाथ से जाने का एक बड़ा कारण टिकट वितरण को भी माना जाता हैं इसलिये पार्टी के दिल्ली से लेकर जयपुर तक के सभी शीर्ष नेताओं की सिर्फ एक ही राय हैं कि टिकट सिर्फ ऐसे ही व्यक्ति को देना हैं जो सीट निकाल सके।
देखने वाली बात होगी कि किसे टिकट मिल पाता हैं और क्या वह कांग्रेस के कद्दावर नेता व क्षेत्रीय विधायक डा.रघु शर्मा को चुनावी मैदान में हरा कर राजधानी का सफर तय कर पाता हैं या एक बार फिर रघु शर्मा ही इस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए विधानसभा में केकड़ी की उपस्थिति दर्ज करवायेगें।

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