
मीडिया में कहा जा रहा है कि मोस्ट वॉन्टेड दाउद इब्राहिम ने पाकिस्तान में अपना ठिकाना बदल लिया है। दाउद ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि विगत दिनों भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी अमेरिका यात्रा में राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ एक गुप्त सामझौता किया। इसमें तय हुआ कि भारत अमेरिका एक ज्वाइंट ऑपरेशन कर पाकिस्तान में बैठे दाउद को मार गिराएंगे। जिस तरह अमेरिका ने ओसामा बिल लादेन को पाकिस्तान में मारा था। यह ज्वाइंट ऑपरेशन कब सफल होगा, यह तो पता नहीं, लेकिन अहम सवाल है कि जो दाउद भारत में बैठे हैं, उन्हें कब पकड़ा जाएगा?
पाक के दाउद का तो अभी ठिकाना तक मालूम नहीं है, जबकि हमारे कश्मीर में कुख्यात आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के झंडे खुलेआम लहराए जा रहे हैं। आईएस के झंडे लहराने वाले क्या पाक के दाउद से कम हैं? कश्मीर में राजनीति की आड़ में जिस प्रकार देशद्रोह और आतंक का खेल खेला जा रहा है, उसे यदि बेनकाब कर दिया जाए तो एक नहीं कई दाउद पकड़ में आ जाएंगे। समझ में नहीं आता है कि हम अमेरिका की ताकत से स्वयं को क्यों आंकने लगते हैं?अमेरिका कोई नागरिक अपने देश का विभाजन नहीं चाहता, जबकि अपने यहां तो विभाजन और विशेषाधिकार की बात आम है। जब अमेरिका ने लादेन को मारा था, तब भी दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं ने अमेरिका की आलोचना की थी। अंदाजा लगाएं कि अब जब दाउद को मारेंगे तो कितनों को दर्द होगा। अच्छा हो कि पाकिस्तान में कोई कार्यवाही करने के बजाए अपने देश में सख्त कदम उठा लें।
-एस.पी.मित्तल
लेखक अजमेर के वरिष्ठ पत्रकार हैं