इसमें कितनी सच्चाई है हमे नहीं मालुम, लेकिन आप सुने और सोंचे ,
कहते हैं कि द्रोपदी ने कुत्तों को श्राप दिया था की तुम जब भी सहवास करोगे तो इतना विभत्स होगा की इस पृथ्वी का कोई और जीव ऐसा नहीं कर सकेगा परिणाम हमारे सामने है ,? कुत्ते पूरी दुनिया में कहीं भी हो उनका सहवास का तरीका एक ही है । कथा कुछ इस प्रकार है की जब अर्जुन ने स्वयंबर में प्रतियोगिता में मछली की आँख पर तीर से निशाना लगा कर द्रोपदी को वरण कर लिया तो , घर पहुँच कर माँ से कहा की माँ देखो मैं क्या जीत कर लाया हूँ , माँ ने बिना देखे ही कहा की पंचो भाई आपस में बांट लो ! अब आज्ञाकारी पुत्र क्या करते उन्होंने ऐसा ही किया यानि द्रोपदी पांचो की पत्नी बन गई ? जीवन यापन सुखमय बीत रहा था आपस में पांचों भाइयों का समझोता था की जब भी कोइ भाई द्रोपदी के कमरे में होगा तो उसके जूते बाहर होंगे , लेकिन एक दिन कोई भाई जब कमरे के अंदर था तो उसके जूते उनका पालतू कुत्ता उठा कर ले गया , उसी बीच कोई दूसरा भाई कमरे में चला गया जिस पर द्रोपदी को बहुत ग्लानि हुई और उसने कुत्ते को श्राप दे दिया जो कुत्ता जाती आज भी भुगत रही है । लेकिन हमारी कहानी उससे आगे की है कलयुग की ?
द्रोपदी के दिए हुए श्राप को कुत्ते आज भी भुगत रहे है सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शन करते हुए अपने कष्ठ का को ? लेकिन उनमे से कुछ कुत्ते मनुष्यों की योनि में भी परवर्तित हो चुके है वो भी श्राप के कारण अपने कुत्ते कर्म को नहीं छोड़ पाये है ? अब चूँकि कुत्ता तो कुत्ता ही रहेगा चाहे कितनी ही योनि बदल ले , कुछ जो अधिक ज्ञानी होकर धर्म। कर्म में लग कर देश भक्त होने का प्रमाण पत्र लिए फिरते है और जब तब कहीं भी किसी को भी काट लेते है ? उनमे से कुछ ईन्सानो के रूप में भोली भाली स्कूल जाती कन्याओं को प्रेमजाल में फंसा कर उनका जीवन बर्बाद कर देते है कुछ अकेली महिलाओं को देख कर उनसे लूट पाट कर देते है , कुछ लोग अपने कुत्ते कर्म के कारण छोटे बच्चे बच्चियों को हवस का शिकार ही नहीं बनाते अपितु उनकी हत्या भी कर देते है । इसलिये हम तो यही समझते हैं की द्रोपदी का श्राप कुत्तो के लिए आज भी इस कलयुग सार्थक है क्योंकि श्राप के कारण बदली हुई योनि में, कुछ साधू संतो के रूप में भी ज्ञान बांटते हुए भी अपना कुत्ता कर्म नहीं छोड़ पाते और कुकर्म कर ही देते है , इसी प्रकार अति समृद्ध मनुष्यों के समूह में कुत्ता कर्मी राजनेताओं में भी मिल ही जाते है जो श्राप के कारण कुत्ता कर्म का प्रदर्शन कर ही देते है ?
S.P.Singh, Meerut