मुख्यमंत्री के नाम पर कोरी टोरेबाजी

एक भी चुनावी पंडित ऐसा नहीं है, जो यह नहीं कहता हो राजस्थान के मुख्यमंत्री का नाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन में है, वे जिसे चाहेंगे, उसे बना देंगे। बावजूद इसके सभी विष्लेशक पिछले छह दिन से टोरेबाजी करने से बाज नहीं आ रहे। एक भी खोजी पत्रकार ऐसा नहीं है, जिसने मोदी व भाजपा के अंदरखाने की खबर लाने में कामयाब हुआ हो। सोषल मीडिया पर किसी ने तो भाजपा के फर्जी लेटरहैड पर मुख्यमंत्री व दो मुख्यमंत्रियों की ही घोशणा कर दी। हद तो तब हो जाती है, जब कोई ये कहता है कि राजनाथ सिंह को भी पता नहीं, उन्हें भी बंद लिफाफे के खोलने पर पता लगेगा कि कौन मुख्यमंत्री होगा। ये खबरनवीस वसुंधरा के रूख का पता नहीं लगा पा रहे कि भीतर ही भीतर उनकी तैयारी क्या है? जब आप मानते हैं कि मोदी हर बार प्रत्यक्ष दावेदारियों के कयासों को नकारते हुए चौंकाते हैं, तो फिर काहे को चर्चित चेहरों पर पलट पलट कर अटकलें लगा रहे हैं। मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर पैनल बैठा कर बहसें करवाना क्या वाहियात कवादय नहीं है?

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