महेश कुमार से रंजीत सिन्हा की पुरानी खुन्नस की वजह से नप गए रेल मंत्री पवन कुमार बंसल

pavan bansal 2पवन बंसल के भांजे पर हुए खुलासे में सीबीआई की कोई खास भूमिका नहीं है । ये खुलासा तो बस महेश कुमार से रंजीत सिन्हा की पुरानी खुन्नस की वजह से हो गया जिसमे बेचारे रेल मंत्री पवन कुमार बंसल का बंटाधार हो गया । हुआ यह है की रेलवे बोर्ड में मेंबर स्टाफ व पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक पद से निलंबित हुए महेश कुमार से सीबीआइ निदेशक रंजीत सिन्हा की पुरानी खुन्नस थी । रंजीत सिन्हा पहले आरपीएफ के महानिदेशक थे और उस समय महेश कुमार बेंगलूर में डीआरएम थे । उसी दौरान किसी मुद्दे पर महेश कुमार से रंजीत सिन्हा की लड़ाई हो गयी थी । जिसकी वजह से महेश कुमार ने ममता बनर्जी तक अपनी पहुच का फायदा उठाते हुए रंजीत सिन्हा का तबादला आइटीबीपी में करा दिया था ।
समय चक्र बदला रंजीत सिन्हा के अच्छे दिन आये और वो सीबीआइ निदेशक बन गए । और बदला लेने का मौका आया तो चुके नहीं । हुआ यह की आरपीएफ के महानिदेशक के दिनों के कुछ संपर्क आज भी थे रंजीत सिन्हा के रेलवे में जिनके जरिये रंजीत सिन्हा को इस घूस कांड का पता चला । पवन बंसल से अपने संपर्क का फायदा उठा कर महेश कुमार ने पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक से रेलवे बोर्ड में मेंबर इलेक्ट्रिकल बनने के लिए जिस शख्स का पत्ता काट दिया उन महाशय ने रंजीत सिन्हा से महेश कुमार की पुरानी रंजिश का फायदा उठा कर शिकायत कर दी । और रंजीत सिन्हा नहा-धोकर पीछे पड गए महेश कुमार के और लगभग 3 महीने की कड़ी मशक्कत ( महेश कुमार और उनसे जुड़े सभी की फ़ोन टैपिंग करके और दुसरे तरीको से छानबीन करके) के बाद यह घोटाला सामने आ ही गया । और लम्बे समय की मेहनत के बाद महेश कुमार आखिर रंजीत सिन्हा के गिरफ्त में आ ही गए ।
इस खुलासे को जल्द से जल्द करने में सहयोग दिया वर्तमान घटनाओ ने जिसमे सीबीआई को स्वतंत्र साबित करना अहम् है । सीबीआई पर भी यह दबाव था की वह खुद को स्वतंत्र साबित करे लेकिन इस स्वतंत्रता दिखाने के चक्कर ने पवन कुमार बंसल औए कांग्रेस की बैंड बजा दी । मुझे नहीं लगता की सीबीआई के अधिकारियो को इस बात की आशा थी की इस घोटाले के चक्कर में कांग्रेस नप जाएगी ।
http://www.satyabindu.com/ से साभार

1 thought on “महेश कुमार से रंजीत सिन्हा की पुरानी खुन्नस की वजह से नप गए रेल मंत्री पवन कुमार बंसल”

  1. Perhaps this information is not fully correct that there was old tussele between Sinha, an IPS Officer and Mahesh Kumar. This is a known fact that DG(RPF) is always considered an outsider in the Railway Ministry , perhaps being a Police Officer or from a man from different cadre. Director(CBI) or Director(IB) or Secretary(RAW) are being selected under a set procedure and after through screening, only deserving candidates are short listed. Sinha was selected only because of his proven records.There might be chances that during his stay in the Ministry of Railways, he must not be having cordial relation with Mahesh Kumar but that is not a strong ground to initiate such a big step involving many faces, including the then Railway Minister .Such matters require concrete evidence and documentary proof otherwise entire issue will come down to earth in the Court of law. This can be accepted that some one affected from the Railway Ministry must given a tip to CBI and Sinha had initiated enquiries. and put Mahesh Kumar under scanner.but there are no reasons to show that he was taking revenge ..

Comments are closed.

error: Content is protected !!